Thursday, December 4, 2025
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UK: कर्ज में डूबे प्रतिष्ठित कारोबारी दंपती ने की आत्महत्या, बैंक कुर्की और लेनदारों के दबाव ने छीनी दो जिंदगियां

UK: लाखों के कर्ज और बैंक कुर्की के डर में डूबा दंपती…हल्दूचौड़ के प्रतिष्ठित व्यवसायी दंपती ने चुना मौत का रास्ता

हल्दूचौड़ क्षेत्र में मंगलवार देर रात उस समय हड़कंप मच गया जब दुमका ट्रेडर्स के स्वामी रमेश दुमका और उनकी पत्नी कमला दुमका ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि दंपती पिछले कई महीनों से गंभीर आर्थिक संकट, बढ़ते कर्ज और बैंक की कुर्की की कार्रवाई का सामना कर रहे थे। मानसिक तनाव और लोकलाज के डर ने दोनों को इतना तोड़ दिया कि उन्होंने अपनी जीवनलीला समाप्त कर दी।

लाखों का कर्ज, बढ़ता ब्याज और बैंक की कुर्की

स्थानीय लोगों के अनुसार दुमका परिवार ने पिछले कुछ महीनों में बैंक, परिचितों और स्थानीय लोगों से लाखों रुपये उधार लिए थे। ब्याज बढ़ने और किस्तें न चुकाने पर बैंक ने कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। निजी लेनदार भी रोज तकादा करते हुए घर पहुंचने लगे थे, जिससे मानसिक दबाव और बढ़ गया।

जानकारी के अनुसार दंपती की जमीन-जायदाद, घर और दुकान प्राइवेट बैंक के कर्ज के चलते गिरवी थे। रिश्तेदारों ने दुकान का कर्ज उतारने में मदद की, लेकिन मकान पर कर्ज बाकी था। इतनी भारी रकम चुकाने का कोई रास्ता नहीं बचा था।

चार दिन पहले उतार दिए थे घर के पंखे—संकेत था बढ़ते तनाव का

दंपती ने घटना से चार दिन पहले अपने पुराने कर्मचारी को बुलाकर दो कमरों के पंखे उतरवा दिए थे। उस समय किसी को यह बात असामान्य नहीं लगी, लेकिन अब लोगों को समझ में आ रहा है कि शायद उन्होंने पहले ही आत्मघाती कदम का फैसला कर लिया था। दंपती का बेटा हल्द्वानी में रहता था और उन्हें चार दिन पहले ही फोन कर बुलाया गया था।

एक समय इलाके की शान था दुमका ट्रेडर्स

दुमका ट्रेडर्स हल्दूचौड़ के मुख्य बाजार में एक प्रतिष्ठित नाम था। मेहनत, ईमानदारी और भरोसे के लिए यह परिवार जाना जाता था। रमेश दुमका के पिता ने सरकारी नौकरी के बाद वर्षों की मेहनत से यह व्यवसाय खड़ा किया था। परिवार का कहना है कि गलत वित्तीय निर्णयों और बढ़ते कर्ज ने इस व्यवसाय को गर्त में धकेल दिया।

एक साथ उठीं दो अर्थियां—इलाके में माहौल गमगीन

घटना की जानकारी मिलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। दंपती सामाजिक और मिलनसार स्वभाव के थे, इसलिए अंतिम यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि पिछले कई दिनों से वे सबको विशेष अपनत्व के साथ नमस्कार कर रहे थे—अब समझ आ रहा है कि शायद वे सभी से दूर से विदाई ले रहे थे।

सूदखोरों के दबाव की भी चर्चा, पुलिस जांच जारी

स्थानीय लोगों का दावा है कि बैंक के अलावा कुछ सूदखोर भी घर आकर दबाव बनाते थे, हालांकि पुलिस ने इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। बताया जा रहा है कि दंपती अपने पैतृक घर बच्चीनवाड़, हल्दूचौड़ में शिफ्ट होकर कर्जमुक्त दुकान के सहारे नई शुरुआत की योजना बना रहे थे, लेकिन तनाव इतना बढ़ चुका था कि वे इस स्थिति से निकल नहीं पाए।

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