Wednesday, December 17, 2025
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देहरादून में पालतू कुत्तों पर कड़ा कानून: काटने पर मालिक पर एफआईआर, जुर्माना और कुत्ता जब्त करने का प्रावधान

देहरादून। राजधानी में पालतू कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं के बाद नगर निगम देहरादून ने सख्त नियम लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब यदि किसी पालतू कुत्ते ने किसी व्यक्ति को काटा या घायल किया, तो उसके मालिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। इसके साथ ही आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा और परिस्थितियों के अनुसार कुत्ते को जब्त करने की कार्रवाई भी की जा सकेगी। नगर निगम द्वारा तैयार की गई श्वान लाइसेंस उपविधि 2025 के तहत यह प्रावधान किए गए हैं।

नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, हाल के दिनों में रॉटविलर, पिटबुल और अन्य आक्रामक नस्लों के हमलों से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। इसे देखते हुए पालतू कुत्तों के पंजीकरण और देखरेख से जुड़े नियमों को और सख्त किया गया है। उपविधि का अनंतिम प्रकाशन कर दिया गया है और अगले एक माह तक आमजन से दावे व आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। इसके बाद नियमों को अंतिम रूप देकर लागू किया जाएगा।

कुत्तों का पंजीकरण होगा अनिवार्य
नई नियमावली के तहत तीन महीने या उससे अधिक उम्र के सभी पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह पंजीकरण एक वर्ष के लिए वैध रहेगा। पंजीकरण के समय एंटी-रेबीज टीकाकरण प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना जरूरी होगा। आक्रामक श्रेणी के कुत्तों के लिए बधियाकरण (एबीसी सर्जरी) का प्रमाणपत्र भी अनिवार्य किया गया है।

पंजीकरण शुल्क और सख्त शर्तें
घरेलू नॉन-ब्रीडिंग श्रेणी के सामान्य कुत्तों के लिए पंजीकरण शुल्क 500 रुपये प्रति कुत्ता तय किया गया है। वहीं पिटबुल, रॉटविलर, डोगो अर्जेंटीनो और अमेरिकन बुलडॉग जैसी आक्रामक नस्लों के लिए यह शुल्क 2000 रुपये रखा गया है। इन नस्लों के कुत्तों को एक वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद एबीसी सर्जरी कराना अनिवार्य होगा। विदेशी आक्रामक नस्ल के कुत्तों की ब्रीडिंग पर शहर में पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।

नियम तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई
यदि कोई व्यक्ति अपने पालतू कुत्ते को बिना पट्टे सार्वजनिक स्थानों पर छोड़ता है, खुले में शौच कराता है या रात के समय कुत्ता लगातार भौंकता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पहली शिकायत पर नोटिस दिया जाएगा, दूसरी बार चालान काटा जाएगा और लगातार शिकायत मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। ऐसे मामलों में कुत्ते को मज़ल पहनाना अनिवार्य होगा, जिससे वह न तो किसी को काट सके और न ही अत्यधिक भौंक सके।

पांच से अधिक कुत्तों पर अलग नियम
यदि कोई व्यक्ति पांच या उससे अधिक कुत्ते पालता है, तो उसे प्राइवेट श्वान पशु शेल्टर की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे शेल्टर के लिए उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड से अनुमति लेनी होगी और आसपास रहने वाले लोगों से एनओसी भी आवश्यक होगी। शेल्टर में कुत्तों की निगरानी और देखभाल की समुचित व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।

लावारिस कुत्तों को गोद लेने पर राहत
नगर निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि लावारिस कुत्तों को गोद लेने वालों को पंजीकरण शुल्क से छूट दी जाएगी, ताकि लोग बेसहारा कुत्तों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हों।

नगर आयुक्त नमामी बंसल ने बताया कि देहरादून में कुत्तों के हमलों की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए यह उपविधि तैयार की गई है। इसका उद्देश्य आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करना और पालतू कुत्तों के जिम्मेदार पालन को बढ़ावा देना है।

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