Vinay Tyagi Murder: कुख्यात गैंगस्टर का 35 साल लंबा आपराधिक सफर खत्म
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर विनय त्यागी उर्फ टिंकू का आपराधिक सफर आखिरकार समाप्त हो गया। हरिद्वार जिले के लक्सर में अदालत में पेशी के दौरान हुए हमले में घायल होने के बाद 27 दिसंबर को एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। विनय त्यागी ने महज 16 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था और करीब 35 वर्षों तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में उसका खौफ बना रहा।
16 साल की उम्र में दर्ज हुआ पहला मुकदमा
मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी थाना क्षेत्र स्थित खाईखेड़ी गांव का मूल निवासी विनय त्यागी वर्ष 1985 में पहली बार अपराध के मामलों में सामने आया। उसी वर्ष मेरठ के मेडिकल थाना क्षेत्र में उसके खिलाफ अपहरण का पहला मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके कुछ समय बाद एक और अपहरण का मामला भी उसके नाम जुड़ गया। इससे पहले वह अपने सहपाठी के साथ मारपीट के मामले में बाल सुधार गृह भी भेजा गया था, लेकिन वहां से लौटने के बाद उसने अपराध को ही अपना रास्ता बना लिया।
कुख्यात गिरोहों से जुड़ाव और बढ़ता आतंक
1985 में विनय त्यागी शरद त्यागी गिरोह में शामिल हुआ। इसके बाद उसका नाम बदन सिंह बद्दो, नीरज भाटी, धर्मेंद्र सिरोही और सुनील राठी जैसे कुख्यात अपराधियों के साथ भी जुड़ा। इस दौरान रंगदारी न देने पर मेरठ में अरोड़ा बेकरी मालिक की हत्या, केबल कारोबारी शैलेंद्र पाल की हत्या, अजय जडेजा गिरोह से जुड़े शूटर प्रवीण शर्मा और राजीव टिर्री की हत्या जैसे कई संगीन मामलों में उसका नाम सामने आया। इसके अलावा कारोबारी को हनी ट्रैप में फंसाकर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगने जैसे मामलों ने भी उसकी आपराधिक छवि को और मजबूत किया।
57 मुकदमे, 12 हत्याएं और जमानत की बंद राह
अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने विनय त्यागी के खिलाफ दर्ज मामलों की लंबी सूची पेश की थी। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में 57 से अधिक मुकदमे दर्ज थे, जिनमें 12 हत्या के मामले शामिल थे। इतनी बड़ी आपराधिक पृष्ठभूमि के चलते उसकी जमानत बार-बार खारिज होती रही।
कहां-कहां दर्ज थे केस
विनय त्यागी के खिलाफ सबसे अधिक 29 मुकदमे मेरठ में दर्ज थे। इसके अलावा मुजफ्फरनगर में 15, गाजियाबाद में 3, दिल्ली में 2, सीतापुर, बुलंदशहर और सहारनपुर में एक-एक मामला दर्ज था। उत्तराखंड में देहरादून में 4, हरिद्वार में 2 और लक्सर में एक मामला दर्ज हुआ। हाल ही में 15 सितंबर को देहरादून में उसके खिलाफ चोरी का मामला भी दर्ज किया गया था।
25 लाख की धोखाधड़ी बना आखिरी केस
विनय त्यागी के खिलाफ आखिरी मामला 4 दिसंबर को हरिद्वार जिले के लक्सर कोतवाली में दर्ज हुआ था। आरोप था कि उसने उत्तर प्रदेश निवासी एक व्यक्ति से जमीन बेचने के नाम पर 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। इसी मामले में उसे 24 दिसंबर को बी-वारंट पर लक्सर एसीजेएम कोर्ट में पेशी के लिए पुलिस अभिरक्षा में लाया जा रहा था।
पेशी के दौरान फ्लाईओवर पर ताबड़तोड़ फायरिंग
24 दिसंबर को दोपहर करीब 12:40 बजे पुलिस वाहन जब लक्सर रेलवे ओवरब्रिज पर पहुंचा, तब जाम की स्थिति बनी हुई थी। इसी दौरान बिना नंबर प्लेट की बाइक पर सवार दो हमलावरों ने पुलिस वाहन और विनय त्यागी पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गोली लगने से विनय त्यागी गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसके बाद उसे एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया।
अब हत्या की धाराओं में बदलेगा मामला
घटना के बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमला, सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। 27 दिसंबर को विनय त्यागी की मौत के बाद अब इस मामले में हत्या की धाराएं जोड़ने की तैयारी की जा रही है। लक्सर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथाण के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर में आवश्यक कानूनी संशोधन किया जाएगा।
35 साल के अपराध का हुआ अंत
16 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाला विनय त्यागी कानून से बचते हुए 35 वर्षों तक सक्रिय रहा, लेकिन अदालत में पेशी के दौरान हुई गोलीबारी ने उसके लंबे आपराधिक सफर पर विराम लगा दिया। पुलिस अब इस हाई-प्रोफाइल हत्या मामले की गहन जांच में जुटी हुई है।