Sunday, December 22, 2024
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उत्तराखंड के मदरसों में शिक्षकों की होगी जांच, भौतिक सत्यापन के बाद मिलेगा मानदेय

केंद्र सरकार की योजना स्टेंडर्ड प्रोवाइडिंग एजुकेशन मदरसाज माइनॉरिटी (एसपीईएमएम) के तहत रखे गए शिक्षकों की जांच कराई जाएगी। मदरसा बोर्ड मदरसों में उनकी उपस्थिति का भौतिक सत्यापन कराएगा। मदरसों में कई जगहों पर शिक्षकों के न होने की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ की ओर से भी ऐसी मांग उठाई गई थी। प्रदेश में योजना के तहत 211 मदरसों में 404 शिक्षक तैनात है। मदरसा बोर्ड को शिकायत मिली है कि कई मदरसे ऐसे हैं जिसमें कम शिक्षक तैनात है, लेकिन दिखाए ज्यादा गए हैं। वहीं कई शिक्षक छोड़कर जा चुके हैं, कई का चयन विभाग में हो गया है।
सरकारी धन का दुरुपयोग न हो : संघ
उत्तराखंड मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ अध्यक्ष मेहरबान अली, महासचिव मोहम्मद इस्लाम, उपाध्यक्ष इशरान अली ने बताया कि मदरसा बोर्ड निदेशक, अल्पसंख्यक आयोग, मदरसा बोर्ड डिप्टी रजिस्ट्रार को ज्ञापन दिया गया है। कई मदरसा शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों में नियुक्ति पाई है। कई कोरोनाकाल में हमारे बीच नहीं रहे। कई स्कूलों में पूर्व की संख्या के तहत वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। सत्र 2021-22 का मानदेय देने से पहले सभी शिक्षकों के सत्यापन की मांग उठाई गई है। इसके अलावा वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाण पत्र भी अनिवार्य किया जाए, जिससे मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों व शिक्षकों की भी सुरक्षा सुनिश्चित हो। वहीं ऐसी व्यवस्था बने जिससे सरकारी धन का दुरुपयोग न हो।
पीएफएमएस पर फैसला आचार संहिता के बाद
मदरसों में योजना के तहत लगे शिक्षकों को अभी तक मानदेय प्रबंधकों के माध्यम से दिया जाता है। जिसका मदरसा शिक्षक विरोध करते आए हैं, क्योंकि मदरसा शिक्षकों को कई-कई माह तक मानदेय नहीं दिया जाता है। इस मामले में मदरसा बोर्ड शासन के दिशा निर्देश पर फैसला लेगा। एक अफसर ने कहा कि शिक्षकों का वेतन सीधे उनके खाते में जाए। ऐसी पारदर्शी व्यवस्था को ही अपनाना चाहिए। उधर, कई अफसरों पर मदरसा प्रबंधकों के संरक्षण और शिक्षकों के शोषण का आरोप है। सत्र 2021-22 में 142 मदरसों के शिक्षकों का मानदेय स्वीकृत हो गया है। मदरसों में शिक्षकों के वेरिफिकेशन के बाद ही मानदेय दिया जाएगा। इसके लिए टीमें भेजकर भी सत्यापन कराया जाएगा। पीएमएफएस पर केंद्र एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन का अध्ययन किया जा रहा है। आचार संहिता हटने के बाद इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। -मोहम्मद यामीन, डिप्टी रजिस्ट्रार, मदरसा बोर्ड

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