यूक्रेन के खारकीव में फंसे अनुराग पंवार को अभी तक बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल पाया है। खारकीव से जिस बस के जरिये अनुराग को अपने साथियों के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचना था, बस के इंतजार के दौरान उनके एक साथी की गोलीबारी में मौत हो गई, जिसके बाद सभी छात्र बंकर में वापस लौट गए। उधर, खारकीव में फंसी शिवानी शर्मा खारकीव से ट्रेन के जरिये रोमानिया पहुंच रही हैं। कोटद्वार के मोहल्ला जौनपुर निवासी अधिवक्ता किशन पंवार का पुत्र अनुराग खारकीव में एरोनाटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है, जबकि उनकी बेटी इवानो में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। बेटी तो सोमवार को सुरक्षित वापस आ गई। लेकिन, बेटा अभी तक खारकीव शहर में ही फंसा है। पिता किशन पंवार ने मंगलवार दोपहर अनुराग से हुई बातचीत के आधार पर बताया कि अनुराग व उसके साथियों ने रोमानिया बार्डर के लिए सुबह दस बजे बस मंगवाई थी। लेकिन बस नहीं पहुंची। बस देखने के साथ ही खाना लेने के लिए बंकर में मौजूद एक छात्र बाहर निकला और रूसी हमले का शिकार हो गया। बताया कि इस घटना के बाद से वे सभी काफी डर गए हैं। बताया कि उन्होंने दूतावास से संपर्क का प्रयास किया। लेकिन, दूतावास के अधिकारी किसी भी माध्यम से रोमानिया बार्डर पहुंचने के लिए कह रहे हैं। इधर, देवी रोड निवासी शिवानी शर्मा के पिता विजय शर्मा ने बताया कि भारतीय मूल के छात्र-छात्राएं खारकीव में एक-दूसरे के संपर्क में हैं। बताया कि सभी ने रेल के जरिये बाहर निकलने का निर्णय लिया था। उनकी पुत्री के साथ ही आठ भारतीय मूल की छात्राएं रेलवे स्टेशन पहुंच गए, लेकिन अनुराग सहित अन्य छात्र-छात्राएं नहीं पहुंचे। बताया कि दोपहर में उनकी पुत्री ने अनुराग को मैसेज कर जल्द रेलवे स्टेशन पहुंचने को कहा। बाद में शिवानी व अन्य छात्राएं रेल में सवार होकर रोमानिया बार्डर के लिए रवाना हो गए।
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