Wednesday, October 30, 2024
Homeउत्तराखण्डसीबीआई ने दो कंपनियों पर दर्ज किया गबन का मुकदमा

सीबीआई ने दो कंपनियों पर दर्ज किया गबन का मुकदमा

फर्जीवाड़े से बैंकों से करोड़ों का लोन लेकर हड़पने के आरोप में सीबीआई ने दो कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मुकदमों में आरोपियों की मदद करने वाले अज्ञात बैंक अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है।
पहला केस महावीर फारगिंग प्राइवेट कंपनी के प्रमोटर,निदेशक, गारंटर समेत अन्य लोगों पर दर्ज किया गया है। आरोप है कि क्रेडिट सुविधा के तहत बैंक से 2011 से 2014 के बीच फर्जीवाड़ा कर 21.10 करोड़ रुपये लिए। 2014 के बाद लोन नहीं चुकाया गया। दूसरा केस वर्धा कंस्ट्रक्शन, जिस का दफ्तर अशोक विला, सिविल लाइंस, रामपुर, यूपी में है, के संचालक व पीएनबी के अज्ञात कर्मियों पर दर्ज हुआ है। आरोप है कि तीन करोड़ की क्रेडिट सुविधा के तहत इतनी ही रकम निकालकर खर्च की, फिर लोन नहीं चुकाया। सीबीआई दून में दर्ज मुकदमे में आरोपियों के मददगार अज्ञात बैंक अफसरों को भी आरोपी बनाया है। सीबीआई एसपी निर्भय कुमार ने जांच इंस्पेक्टर गुलशन कुमार को सौंप दी।
केस 01
पहला मुकदमा महावीर फारगिंग प्राइवेट कंपनी के प्रमोटर, निदेशक, गारंटर समेत अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है। आरोप है कि कंपनी संचालकों का खाता वर्ष 2011 में सिंडिकेट बैंक से बैंक ऑफ इंडिया की मेरठ शाखा में ट्रांसफर हुआ। कंपनी के प्रमोटर मुकुल जैन निवासी पंजाबीपुरा, दिल्ली रोड मेरठ, प्रियंका जैन पत्नी मुकुल जो आश्रेय इंटरप्राइजेज की गारंटर हैं, ने क्रेडिट सुविधा के तहत से बैंक से वर्ष 2011 से 2014 के बीच फर्जीवाड़ा कर 21.10 करोड़ रुपये ले लिए। आरोप है कि 2014 के बाद लोन नहीं चुकाया गया। इसके बाद रिकवरी की कोशिश हुई तो पता लगा कि बैंक के साथ फर्जीवाड़ा किया गया है। इसे लेकर शाखा प्रबंधक आशीष अग्रवाल ने सीबीआई को तहरीर भेजी। आरोप है कि इसमें बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है। सीबीआई दून शाखा में केस दर्ज होने पर एसपी सीबीआई निर्भय कुमर ने इसकी जांच इंस्पेक्टर प्रशांत कांडपाल को सौंपी है। 2014 से करोड़ों की इस रकम पर भारी ब्याज भी बनता है।
केस 02
दूसरा मुकदमा वर्धा कंस्ट्रक्शन के संचालकों और पीएनबी के अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज हुआ है। कंपनी का कार्यालय रामपुर यूपी में है। कंपनी कंस्ट्रक्शन का काम करती है। आरोप है कि फर्म की संचालक नर्गिस बिलाल निवासी अशोक विला, रामपुर और मुर्शरत अली निवासी पसियापुरा शुमाली रामपुर ने जून 2017 गाजियाबाद स्थित पीएनबी की चंदरनगर शाखा में संपत्तियों पर ओवर ड्राफ्ट लेने के लिए संपर्क किया। आरोप है कि उन्होंने तीन करोड़ की क्रेडिट सुविधा के तहत इतनी ही रकम निकालकर खर्च कर दी। जिस संपत्ति पर यह सुविधा ली वह उनके हक में नहीं थी। आरोपियों ने लोन नहीं चुकाया। बैंक ने लोन सुविधा देते वक्त इसकी सिविल रिपोर्ट ली थी। उस दौरान फर्जीवाड़े पकड़ में नहीं आया। 12 अक्तूबर 2018 को कंपनी एनपीए हो गई। बाद में पता लगा कि आरोपी लोन लेने से पहले इस संपत्ति को बेच चुके थे। शाखा के मुख्य प्रबंधक नीरज निरनिमेश ने सीबीआई को तहरीर दी। सीबीआई के एसपी निर्भय कुमार ने केस दर्ज होने पर जांच इंस्पेक्टर गुलशन कुमार को सौंपी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments