मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी में पानी की कमी को देखते हुए 144 करोड़ की यमुना पेयजल लाइन पर समय समय पर सवाल उठते रहे हैं। जिसमें यह कहा जाता रहा है कि यह पानी की लाइन देहरादून क्षेत्र के लिए है, जिस पर पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने उत्तराखंड पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता के साथ बैठक की जिसमें स्पष्ठ कहा गया है कि यह पानी केवल मसूरी के लिए है।
कुलड़ी स्थित एक होटल के सभागार में पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने उत्तराखंड पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्रा एवं अधिकारियों के साथ बैठक की व कहा कि यह स्पष्ठ कीजिए कि यमुना पेजयल योजना का पानी देहरादून जायेगा, क्यों कि शहर वासियों में इसे लेकर बड़ी भ्रांति फैली है। वहीं कहा कि मलिंगार से पुराने टिहरी बस स्टैण्ड व वुडस्टाक स्कूल सहित जबर खेत आदि क्षेत्र में इस योजना को शामिल नहीं किया गया है इसमें विभाग ने क्या कार्रवाई की। जिस पर पेयजल निगम के अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्रा से स्पष्ठ किया कि यमुना पेयजल योजना केवल मसूरी के लिए है जो कोल्हूखेत तक जायेगी इसका देहरादून जाने का सवाल नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि पुराने टिहरी बस स्टैण्ड से वुडस्टाक, जबरखेत क्षेत्र का सर्वे किया गया है और इस योजना से जोड़ा गया है। वहीं सुवाखोली क्षेत्र को बुरांस खंडा पुनर्गठन योजना से जोड़ा गया है वहां के लिए नई योजना स्वीकृत हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि इस योजना का लाभ छावनी परिषद को भी मिलेगा हालांकि वहां पर लाइन नहीं बिछायी जायेगी उन्हें सर्वे व तीन टंकी खलगी से जोड़ा जायेगा व छावनी क्षेत्र में एक टैंक निर्माण की योजना भी है। अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्रा ने यह भी बताया कि यमुना योजना का पूरा कार्य जल निगम करेगा व उसके बाद इस योजना से कनेक्शन देने का कार्य भी जल निगम करेगा। इसके लिए जल संस्थान जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने पेयजल निगम के अधिकारियों का भ्रम दूर करने के लिए आभार व्यक्त किया। इस मौके पर पूर्व सभासद रमेश भंडारी भी मौजूद रहे।
यमुना का पानी केवल मसूरी को मिलेगा: मल्ल
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