गर्मी के सीजन ने जहां शुरुआत में ही लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है, वहीं मौसमी बीमारियों का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। जिसमें पेट में इंफेक्शन, डायरिया, बुखार, खांसी, त्वचा झुलसना, हीट स्ट्रोक, सांस लेने में तकलीफ समेत अन्य मौसमी बीमारियां शामिल हैं। अस्पतालों में उपचार को मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है।
गर्मी ने मार्च में ही पसीना निकालना शुरू कर दिया
इस साल गर्मी ने मार्च में ही पसीना निकालना शुरू कर दिया है। दिन और रात का तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है। वहीं दिनभर चिलचिलाती धूप खिलने के साथ ही धूल भरी एवं गर्म हवा चल रही है। ऐसे में मौसम में गर्मी का असर बढ़ने के साथ ही मौसमी बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. एके मिश्रा के अनुसार मौसम में गर्मी का असर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मौसमी बीमारियां जैसे-डायरिया, इंफेक्शन, बुखार, खांसी आदि से पीडि़त बच्चे ओपीडी में आने लगे हैं। बताया कि ओपीडी में उपचार के लिए आने वाले बच्चों की संख्या पिछले कुछ दिन से बढ़ गई है। प्रतिदिन 50 से अधिक बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं। हालांकि अभी मौसमी बीमारियों से पीडि़त बच्चों की संख्या कम है। वहीं सिविल अस्पताल के डा. नीतिश कुमार ने बताया कि प्रतिदिन उनकी ओपीडी में मौसमी बीमारियों से पीडि़त मरीजों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है। वहीं सुबह ग्यारह बजे के बाद ही धूप की चमक इतनी तीखी हो रही है कि इसने नागरिकों को परेशान करना शुरू कर दिया। वहीं दोपहर में चिलचिलाती धूप के साथ ही गर्म हवा भी चल रही है। जिस वजह से सड़कों पर चलने वाले व्यक्तियों को गर्मी झेलनी पड़ रही है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि-मौसम सेवा परियोजना से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को भी मौसम साफ रहेगा और तेज धूप खिलेगी। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही बने रहने की संभावना है।
गर्मी के सीजन ने शुरुआत में ही बढ़ा दी बेचैनी, मौसमी बीमारियों का खतरा, इन छह बातों का ध्यान रख करें बचाव
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