Saturday, November 23, 2024
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हरिद्वार में दरिंदगी का शिकार हुई बेटी को एक साल बाद मिला इंसाफ, नौ साल की बच्‍ची को दुष्‍कर्म के बाद दी थी दर्दनाक मौत

ऋषिकुल क्षेत्र में दरिंदगी का शिकार हुई हरिद्वार की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा शहर सड़कों पर उतर आया था। मुख्य अभियुक्त रामतीर्थ के फरार मामा राजीव की गिरफ्तारी होने तक रोजाना अलग-अलग संगठनों के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन होते रहे। पुलिस को गिरफ्तारी और ला एंड आर्डर दो-दो मोर्चे पर जूझना पड़ रहा था। जनाक्रोश को देखते हुए राजीव की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था।
कई बार जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किए
ऋषिकुल क्षेत्र में बच्ची से दरिंदगी की खबर पूरे शहर में जंगल की आग की तरह फैल गई थी, जिसके बाद शहर भर से लोग ऋषिकुल पहुंच गए। चूंकि घटना पड़ोस के घर में हुई थी, इसलिए गुस्साई भीड़ ने राजीव के घर को भी निशाना बनाते हुए आग तक लगाने का प्रयास किया। कई बार जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किए। कैंडल मार्च में महिलाओं, युवतियों और बच्चों के रूप में संवेदनाओं का सैलाब सड़क पर उतर आया था। उग्र प्रदर्शन होने पर तत्कालीन एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय के नेतृत्व में शहर भर की टीम को मोर्चा संभालना पड़ा था। अच्छी बात यह रही कि बच्ची की लापता होने की सूचना पर तत्कालीन मायापुर चौकी प्रभारी संजीत कंडारी ने समय रहते तत्परता दिखाते हुए बच्ची की खोजबीन शुरू कर दी थी और मुख्य आरोपित से पूछताछ के बाद बच्ची का शव बरामद कर लिया था। पुलिस जरा भी देर करती तो रामतीर्थ बच्ची के शव को ठिकाने लगा चुका होता। फिर शायद ही कभी इस केस की गुत्थी सुलझ पाती। एएसपी डा. विशाखा अशोक भड़ाने और तत्कालीन शहर कोतवाल अमरजीत सिंह की भूमिका भी अहम रही थी। दरअसल, इस मामले में मुख्य आरोपित को तो मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि उसका मामा राजीव फरार हो गया था।
दुष्कर्म के बाद हत्या में अभियुक्त को फांसी
नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में अदालत ने मुख्य अभियुक्त को फांसी की सजा और एक लाख 30 हजार रुपये अर्थदंड सुनाया है। सह अभियुक्त को साक्ष्य छिपाने का दोषी करार देते हुए पांच वर्ष की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। तीसरे अभियुक्त को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। तीनों ही मूल रूप से सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश निवासी हैं। सजा पाने वाले अभियुक्त मामा-भांजा हैं। वहीं फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 12 महीने के भीतर दोषियों को सजा सुना दी है।

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