मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने नीति और नेलांग घाटी से इनलाइन प्रतिबंध हटाने की मांग रखी है। सीएम ने आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए भी स्थायी व्यवस्था बनाने का मुद्दा उठाया है। शनिवार को नई दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान सीएम ने कहा कि उत्तराखंड से नेपाल और चीन की सीमा लगी है, सीमांत के गांव आर्थिक अवसरों की कमी के कारण वीरान हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में इनर लाईन प्रतिबंध हटाए जाने से यहां पर्यटन के अवसर खुलेंगे, जिससे पलायन रोकथाम में मदद मिलेगी। इससे संवेदनशील क्षेत्रों में बेहतर सीमा प्रबन्धन में भी सहायता मिलेगी। इसके लिए चमोली जिले की नीति घाटी और उत्तरकाशी में नेलोंग घाटी ( जाडूंग गांव) को इनर लाइन प्रतिबंध से हटाया जाना जरूरी है। सीएम ने इस दौरान राज्य में प्राकृतिक आपदा की स्थिति को देखते हुए दो एयर एंबुलेंस देने, ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में आपदा प्रबंधन शोध संस्थान की स्थापना, आपदा प्रभावित गाँवों का विस्थापन एसडीआरएफ निधि के अन्तर्गत किए जाने के साथ ही आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित किए जाने की स्थायी व्यवस्था बनाने की मांग भी गृह मंत्री के सामने रखी।
कांवड पर चर्चा: मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से कांवड यात्रा पर भी विचार विमर्श किया। उत्तराखंड में कांवड यात्रा पर रोक है, लेकिन इसके लिए पड़ोसी राज्यों से भी सहयोग लिया जाना है। सीएम ने कोविड की तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार की तैयारियों, चार धाम यात्रा की स्थिति भी शाह के सामने रखी। इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली भी उपस्थित रहे।
गृह मंत्री अमित शाह से मिले सीएम पुष्कर सिंह धामी, नीति व नेलांग घाटी से इनर लाइन प्रतिबंध हटाने की मांग, यह होगा फायदा
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