रुड़की निवासी एक फर्म के मालिक ने बैंक में बंधक संपत्ति खरीदकर बैंक से करोड़ों का लोन लिया फिर बंधक संपत्ति बेचकर बैंक का ऋण चुकता नहीं करके बैंक को करोड़ों की चपत लगा दी। बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत और कोर्ट के आदेश पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, क्षेत्रीय कार्यालय एस्लेहॉल राजपुर रोड के क्षेत्रीय प्रबंधक अरुण कुमार पाठक ने मैसर्स स्वास्तिक लाईफ साईंस प्रोपराईटर शिप फर्म के मालिक अनुज सिंह निवासी मोहल्ला प्रीत विहार तहसील रुड़की जिला हरिद्वार के खिलाफ कोतवाली नगर में शिकायत दर्ज कराई है।बैंक की मुख्य शाखा एस्लेहॉल राजपुर देहरादून की ओर से मैसर्स पंकज इंडस्ट्रीज (पाटर्नरशिप फर्म) को ऋण दिया गया था, जिसके बदले मैसर्स पंकज इंडस्ट्रीज ने सिडकुल हरिद्वार स्थित एक प्लॉट बैंक में बंधक रखा था और संपत्ति की मूल लीज डीड बैंक में जमा की थी। ऋण की अदायगी नहीं करने पर बैंक ने रिकवरी की तैयारी की तो अनुज सिंह ने इस संपत्ति को क्रय करने की इच्छा जताई।
मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू
बैंक ने बंधक संपत्ति को क्रय करने के लिए और व्यापार करने के लिए 56,00,000 का रुपये टर्म लोन एवं 94,00,000 रुपये केश क्रेडिट के रूप में ऋण हेतु आवेदन किया। बैंक ने जरूरी पड़ताल के बाद ऋण स्वीकृत कर अनुज सिंह के पक्ष में ब्रिकी प्रमाणपत्र जारी कर दिया। इसके पश्चात बैंक ने मैसर्स स्वास्तिक लाईफ साईंस को संपत्ति की टाईटिल डीड शीघ्र बैंक में जमा कराने के निर्देश दिए। अनुज सिंह ने संपत्ति की लीज डीड अपने नाम से सिडकुल से न कराकर बैंक एवं सिडकुल को धोखे में रखकर मैसर्स गणेश इंटरप्राइजेज को बेच दी। वर्तमान में आरोपी का ऋण खाते में कुल रुपये 1,65,05,897 व 2021 के पश्चात का ब्याज बकाया है। कोर्ट के निर्देश के बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
देहरादून: बंधक संपत्ति खरीदकर फर्म मालिक ने बैंक को ही लगा दिया करोड़ों का चूना, ऐसे हुआ खुलासा
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