बागेश्वर। जिले के जंगलों की आग थम नहीं रही है। इन घटनाओं में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। फायर सीजन शुरू होने के बाद जिले में वनाग्नि की 57 घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं और 72 हेक्टेयर जंगल आग की भेंट चढ़ गया है। विभाग जंगलों को बचाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक कर रहा है। जंगल जलाने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
बागेश्वर के बिलखेत, कपकोट तहसील की पुंगरघाटी के जंगल में रविवार रात से आग लगी है। इससे पूर्व जिला मुख्यालय के थापली, पालनीकोट, जौलकांडे, छतीना, बिलखेत, मनकोट, काफलीगैर के झिरौली, जोशीगांव, जैनकरास, कराला पालड़ी, गरुड़ के बैजनाथ रेंज, धरमघर क्षेत्र के जंगल आग की चपेट में आ चुके हैं। आग के कारण नगर पालिका क्षेत्र सहित घाटी वाले इलाकों में धुआं भर गया है। जंगलों की आग से जहां वन संपदा को नुकसान हो रहा है, वहीं वन्यजीवों के जीवन पर भी संकट मंडरा रहा है। आग लगने की घटनाएं बढ़ने से हिंसक जानवरों का रुख आबादी की ओर होना लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जंगल से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को इनके हमले का खतरा बन रहा है। धुआं फैलने के बाद बीमारियों में भी इजाफा होने लगा है। जिला अस्पताल में आंख, गला, सांस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जंगल जलने का असर पर्यावरण पर पड़ने से तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इधर, डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि अधिकतर क्षेत्रों में जंगलों की आग बुझा दी गई है। विभागीय कर्मचारी लगातार आग पर काबू पाकर जंगल को जलने से बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
बागेश्वर में 72 हेक्टेयर जंगल चढ़ा वनाग्नि की भेंट
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