आयुर्वेद विवि में गुरुवार को भी छात्र धरने पर बैठे। उन्हें विवि स्तर पर बनाई गई एक कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है। छात्रों ने बुधवार को विवि कुलपति प्रो. सुनील जोशी की गाड़ी रोककर भी प्रदर्शन किया था। छात्रों का कहना है कि राज्य कोटा के तहत प्रवेश लेने वाले छात्र को 48 हजार रुपये सालाना शुल्क देना होता है। जबकि सेल्फ फाइनेंस-आल इंडिया कोटा के तहत यह शुल्क एक लाख 20 हजार रुपये सालाना था। जिसे आयुष मंत्रालय के एक आदेश के तहत राज्य कोटा के समान कर दिया गया। इसी क्रम में विवि प्रशासन ने भी एक आदेश जारी कर दिया। उनसे 48 हजार रुपये शुल्क जमा कराया गया। पर अब कहा जा रहा है कि आदेश उन पर लागू नहीं होगा। परीक्षा नजदीक है और छात्रों ने परीक्षा फार्म भरना शुरू कर दिया है। इस बीच उन पर वही पुराना शुल्क जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में वह आंदोलन करने को मजबूर है। विवि कुलपति प्रो. सुनील जोशी ने कहा कि छात्रों की फीस संबंधी आपत्ति के निपटारे को चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिसमें तीनों परिसर निदेशक डॉ अनूप गक्खड़, डॉ राधाबल्लभ सती और डॉ पंकज शर्मा समेत वित्त अधिकारी अमित जैन को नामित किया है। जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। उसके आधार पर फैसला लिया जाएगा।
आयुर्वेद विवि में धरना जारी, रिपोर्ट का इंतजार
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