नैनीताल। हाईकोर्ट की खंडपीठ से नैनीताल नगर पालिका को बड़ी राहत मिली है। खंडपीठ ने एकलपीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें नैनीताल नगरपालिका की ओर से लेकब्रिज चुंगी व पार्किंग का ठेका बिना टेंडर प्रक्रिया अपनाए पुराने ठेकेदार को 20 प्रतिशत बढ़ाकर देने को गलत ठहराते हुए उस पर रोक लगा दी थी। इससे तय हो गया है कि पार्किंग और लेक ब्रिज चुंगी का ठेका पुराने ठेकेदारों के पास ही रहेगा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। एकलपीठ के आदेश को ठेकेदार नरदेव और ठेकेदार उमेश मिश्रा ने हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष स्पेशल अपील के माध्यम से चुनौती देते हुए कहा था कि पालिका की शर्तों के मुताबिक उन्होंने समस्त देयकों का भुगतान पालिका को कर दिया है। इसलिए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए। खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगाते हुए स्पेशल अपील का निपटारा कर दिया। इससे पहले अमरोहा (यूपी) निवासी अजय कुमार ने याचिका दायर कर कहा था कि नगरपालिका नैनीताल ने बिना टेंडर के चुंगी व पार्किंग का ठेका मनमानी से 20 प्रतिशत बढ़ाकर पुराने ठेकेदार को दे दिया है जो नियमों के विरुद्ध है। नगर पालिका बोर्ड ने 25 मार्च 2022 को बोर्ड बैठक में निर्णय लिया था कि 20 प्रतिशत बढ़ाकर पुराने ठेकेदार को ही पार्किंगों का ठेका दे दिया जाए। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने पालिका के फैसले को गलत ठहराया था और उस पर रोक लगा दी थी।
पुराने ठेकेदोरों के ही पास रहेगा पार्किंग का ठेका
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