हल्द्वानी। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने जिला विकास प्राधिकरण के हल्द्वानी स्थित कार्यालय में छापा मारा। इस दौरान 2019 में रिटायर हो चुके कर्मचारी से कोर्ट की फाइलें बनवाने का मामला पकड़ में आया। कार्यालय में और भी अनियमितताएं मिलीं हैं। कमिश्नर दीपक रावत ने जिला विकास प्राधिकरण के सचिव और संयुक्त सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है।
छह साल से लंबित जुर्माने के दावों की जांच करने कुमाऊं कमिश्नर बुधवार को जिला विकास प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले रिकॉर्ड रूम का निरीक्षण किया। उन्होंने दावों की फाइलें दिखाने के लिए कहा, लेकिन संयुक्त सचिव ऋचा सिंह फाइलें नहीं दिखा पाईं। आयुक्त ने जुर्माने की सुनवाई न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। पूछा कि प्राधिकरण बोर्ड ने चालान की फाइलों की सुनवाई के आदेश दिए हैं। इसके बाद भी सुनवाई क्यों नहीं हो रही है। इसके बाद उन्होंने कर्मचारियों की जानकारी ली। यहां सेवानिवृत्त कर्मचारी से कोर्ट की फाइलों की नोटशीट बनवाई जा रही थी। इससे कोर्ट की गोपनीयता भंग हो रही थी। रावत ने कर्मचारी से वेतन के बारे में जानकारी ली। सेवानिवृत्त कर्मचारी ने बताया कि उन्हें वेतन प्राधिकरण की ओर से दिया जा रहा है। इस पर कुमाऊं कमिश्नर ने नाराजगी जताते हुए जिला विकास प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय और संयुक्त सचिव ऋचा सिंह से स्पष्टीकरण मांगा है।
वाद की फाइलें दीमक ने चट कर दीं
हल्द्वानी। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने बताया कि जिला विकास प्राधिकरण के रिकॉर्ड रूम का रखरखाव नहीं हो रहा था। रिकॉर्ड रूम से कई फाइलें गायब थीं। कहा कि वादों की कई फाइलें दीमक ने चट कर दीं हैं। इससे सरकार को करोड़ों रुपये की आर्थिक हानि हुई है। सेवानिवृत्त कर्मचारी से कोर्ट की फाइलें बनवाईं जा रहीं थीं और 20000 रुपये मानदेय भी दिया जा रहा था। बोर्ड के आदेश के बाद भी वादों की सुनवाई नहीं हो रही है। वादों की सुनवाई की जाती तो सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता। कोर्ट की गोपनीयता भंग करने सहित कई मामलों में सचिव और संयुक्त सचिव से स्पष्टीकरण मांगा गया है। –दीपक रावत, कुमाऊं कमिश्नर।
कुमाऊं कमिश्नर ने जिला विकास प्राधिकरण दफ्तर में मारा छापा
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