उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी थमने के बाद अभी भी लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बर्फबारी के मौसम साफ होने के बाद धूप निकलते ही जमीन धंसने लगी है। रुद्रप्रयाग जिले के सारी गांव के झालीमठ तोक की पहाड़ी में हुए भूस्खलन को लेकर ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं। सोमवार सुबह जैसे ही ग्रामीण धूप निकलते ही चौक पर आए और इसी पहाड़ी के खतरे पर चर्चा कर ही रहे थे कि इसी बीच जमीन धंसनी शुरू हुई और तेजी से भूस्खलन हो गया। लोग इधर-उधर भाग गए और तुरंत प्रशासन को सूचना देने लगे।ग्रामीण हरेंद्र कुमार ने बताया कि साढ़े आठ बजे वह चौक पर इसी बात को लेकर चर्चा कर रहे थे। इस घटना में सबसे पहले उन्हीं का मकान खतरे की जद में है। बताया कि बीते दिनों की बारिश से पहाड़ी पर हल्की दरारें पड़ गई थी, किंतु इतनी जल्दी यहां धंसाव होगा इसका अंदाजा नहीं था।
सोमवार को घटना के बाद ग्रामीण काफी परेशान हो गए। लोगों ने टीम के साथ घरों को खाली किया। सामान खेतों में तिरपाल से ढककर रखा है। बताया कि 17 साल पहले भी क्षेत्र में रास्ते की ओर भूस्खलन हुआ। इससे गांव को जोड़ने वाला रास्ता क्षतिग्रस्त हुआ था जिसे जलागम परियोजना के तहत ठीक कर दिया था।
इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया
हरेंद्र लाल पुत्र रजी लाल, बीरेंद्र लाल पुत्र रजी लाल, प्रेम लाल पुत्र गोरिया लाल, धीरज लाल पुत्र गोरिया लाल, अनिल आर्य पुत्र उम्मेद लाल, सुरेश चंद्र पुत्र कुंदन लाल, रमेश चंद्र पुत्र कुंदन लाल, दिनेश चंद्र पुत्र कुंदन लाल, बृजेश लाल पुत्र कुंदन लाल, उमेश चंद्र पुत्र कुंदन लाल। राकेश कुमार पुत्र बीरेंद्र लाल आदि परिवार के कुल 67 सदस्यों को प्राथमिक विद्यालय, पंचायत भवन एवं अन्य मकानों में शिफ्ट किया गया है। जबकि उनके पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट किया गया है। पशुओं के रहने के लिए 6 परिवारों को तिरपाल भी उपलब्ध कराई गई है।
बारिश-बर्फबारी के बाद लोगों की नहीं थमीं मुश्किलें, धूप निकलते ही धंसने लगी जमीन
RELATED ARTICLES