चंपावत जिले के एक स्कूल में शौचालय की छत से दबकर छात्र की मौत के बाद शासन पूरी तरह सजग है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने जर्जर भवनों को ठीक कराने या फिर उन्हें ध्वस्त करने के संबंध में आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि प्रकरण में की गई कार्रवाई से एक सप्ताह के भीतर शासन को अवगत कराया जाए।
शिक्षा सचिव की ओर से जारी आदेश के मुताबिक प्रदेश के सभी जर्जर स्कूल भवनों, शौचालयों, भोजनमाता कक्ष, बिजली के पोल, लटके तार व सूखे पेड़ को चिन्हित कर सूची तैयार की जाए। ऐसे स्थलों की फोटोग्राफ सहित सूची संबंधित जिलाधिकारी को उपलब्ध कराते हुए आपदा प्रबंधन अधिनियम में की गई व्यवस्था के तहत के जोखिम पूर्ण वस्तुओं, भवनों आदि को ठीक कराने या ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाए। सभी सरकारी और अशासकीय स्कूलों में इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाए। शिक्षा सचिव ने कहा कि 14 सितम्बर 2022 को राजकीय प्राथमिक विद्यालय मौनकाण्डा, विकास खण्डपाटी, चम्पावत में खण्डहरनुमा जर्जर पुराने शौचालय की छत, जिस पर कुछ छात्र खेलते हुए चढ़ गए थे, उसके गिर जाने के कारण छह छात्र छत के नीचे आ गए थे, इनमें एक छात्र चन्दन सिंह पुत्र गोधन सिंह, कक्षा तीन की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी।
चंपावत की घटना पर शिक्षा मंत्री ने जताया दुख
शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत ने चंपावत में स्कूल में हुई घटना पर दुख जताते हुए जर्जर स्कूल भवनों का जिलेवार सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सर्वे कराकर इस तरह के भवनों को ध्वस्त किया जाए।
प्रदेश के सभी जर्जर स्कूल भवन होंगे ध्वस्त, शौचालय की छत से दबकर छात्र की मौत के बाद शासन सजग
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