बागेश्वर। जून में वनों के जलने का सिलसिला चल पड़ा है। वन विभाग जंगलों को जलने से नहीं रोक पा रहा है। वनाग्नि से वन संपदा को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं, जिला मुख्यालय सहित घाटी वाले इलाकों में फिर से धुआं छाने लगा है।
जिले में होली के बाद से वनों के जलने का सिलसिला शुरू हुआ था। अप्रैल भर जंगल जलते रहे। इस दौरान 200 हेक्टेयर से अधिक जंगल जल गया था। मई में बारिश ने वनाग्नि को शांत रखा, लेकिन जून में मौसम सामान्य होने के बाद फिर से जंगल जलने लगे हैं। रविवार को अमसरकोट-बिजोरी के जंगल में आग लग गई। आग की चपेट में आने से चारा पत्ती, घास और इमारती लकड़ियों को नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने आग लगने की सूचना वन विभाग को दी। विभागीय कर्मचारियों के मौके पर पहुंचने पर आग से काफी नुकसान हो गया था। इधर, रेंजर श्याम सिंह करायत ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही कर्मचारियों को आग बुझाने के लिए रवाना कर दिया गया। उन्होंने बताया कि कुछ अराजक तत्व वनों को आग लगा रहे हैं। वहीं, घास के लालच में भी ग्रामीण जंगल जला रहे हैं। विभाग की ओर से लोगों को वनाग्नि के नुकसान बताकर जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
अमसरकोट-बिजोरी के जंगल में लगी आग
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