हल्द्वानी। शहर में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के मामले मिलने के बाद पशुपालन विभाग की टीम ने कई स्थानों पर जांच की। साथ ही पशुओं को दवाएं भी दी गईं और उनका निरीक्षण भी किया गया। बुधवार को पशुपालन विभाग की टीम ने नई बस्ती, काठगोदाम, कुल्यालपुरा, राजपुरा, जवाहरनगर, गांधीनगर में दौरा किया। यहां संक्रमित सूअरों की जांच की गई और दवा का वितरण किया गया। पशुपालकों को चूना और पोटॉश भी उपलब्ध कराया गया। साथ ही एएसएफ बीमारी को लेकर पशुपालकों को जागरुक किया गया। बूचड़खानों औचक निरीक्षण कर दुकान स्वामियों के मीट विक्रय करने पर रोक लगा दी है। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरएन पाठक ने बताया कि शासन से जिस तरह के आदेश मिल रहे हैं, उनका पालन किया जा रहा है। सूअरों के सीरम की जांच के बाद उनमें अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई। इसके बाद सुअरों की नाक से भी सैंपल लिए जाएंगे। ये सैंपल भी जांच के लिए आगे भेजे जाएंगे। यह जांच का दूसरा चरण होता है। डॉ. पाठक ने बताया कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर से घबराने की जरूरत नहीं है। यह इंसानों में फैलने वाली बीमारी नहीं है।
अवैध तरीके से बिकता रहा मीट
सख्ती के बावजूद बुधवार को सूअर का मीट अवैध तरीके से बेचा जाता रहा। राजपुरा जैसे क्षेत्रों में सुअर का मांस बिकते हुए देखा गया। यहां एक वैन में मांस बेचा जा रहा था।
स्वाइन फीवर पर पशुपालन विभाग अलर्ट
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