Wednesday, November 6, 2024
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युद्ध सम्मान दिवस पर झूमे सैन्य परिवार

हल्द्वानी। कुमाऊं रेजीमेंट और 5-मैकेनाइज बटालियन के जवानों के साथ पूर्व सैनिकों ने शुक्रवार को युद्ध सम्मान दिवस धूमधाम से मनाया। वर्ष 1965 में हुए भारत-पाकिस्तान के युद्ध में शामिल हुए पूर्व सैनिकों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने शहीद जवानों को याद करते हुए 5-मैकेनाइज बटालियन के इतिहास पर प्रकाश डाला। भारतीय सेना सात अक्तूबर को ओपी हिल युद्ध सम्मान दिवस के रूप में मनाती है। शुक्रवार को पनचक्की चौराहा स्थित एक बरातघर में पूर्व सैनिक लीग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान पूर्व सैनिक और उनके परिवार के सदस्य देशभक्ति गीतों पर जमकर थिरके। कार्यक्रम में भारत-पाकिस्तान के साथ युद्ध में शामिल पूर्व सैनिकों को भी आमंत्रित किया गया था। इनमें सूबेदार जय सिंह, हवलदार एचएस तिवारी, कैप्टन राजेंद्र सिंह, इंद्र सिंह बोरा और विक्रम सिंह सपरिवार पहुंचे। इनके अलावा विशिष्ट सेवा मेडल मेजर जनरल इंद्रजीत सिंह बोरा, सूबेदार राजेंद्र सिंह, हिम्मत सिंह, चंचल सिंह, होशियार सिंह अहलार सोनी, दामोदर पाटनी, लखपत शर्मा समेत अन्य वीर पूर्व सैनिक शामिल हुए। उन्होंने शहीद हुए पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम संयोजक मेजर बीएस रौतेला (सेवानिवृत्त) समेत अन्य ने उन्हें सम्मानित किया।
क्या है 5-मैकेनाइज बटालियन
कार्यक्रम संयोजक मेजर बीएस रौतेला (सेवानिवृत्त) ने बताया भारतीय सेना की पुरानी बटालियनों में से एक महान बटालियन है 5-मैकेनाइज बटालियन। आजादी से पहले यह ग्वालियर स्टेट की सेना की चौथी बटालियन थी। आजादी से पहले जितने भी निर्णायक युद्ध हुए उनमें इस बटालियन की सक्रियता रही। आजादी के बाद जब सभी राज्यों की सेनाओं को भारतीय सेना मे विलय किया गया तो कुमाऊं रेजीमेंट में मध्य भारत की दो बटालियनों को शामिल किया गया। विधिवत रूप से 27 अक्तूबर 1954 ( कुमाऊं दिवस) को इन्हें कुमाऊं रेजिमेंट का ध्वज प्रदान किया गया।

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