Tuesday, November 5, 2024
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लेकर न्याय की आस, पांच साल से वृद्धा आ रही पुलिस के पास

रुद्रपुर। बबुआ मेरे मनोज को किसी गाड़ी ने टक्कर नहीं मारी उसकी हत्या हुई है बेटा। मुझ दुखियारी की मदद कर इंसाफ दिला दे बेटा, ऊपर वाला तेरा भला करेगा…। यह शब्द पांच साल से हफ्ते पुलिस थाने में सुनाई देते हैं। पुलिस ने हत्या के आरोप में कोर्ट के आदेश पर दर्ज केस को सबूत के अभाव में हादसे में तरमीम कर दिया। वृद्धा के बेटे की मौत अब तक रहस्य बनी हुई। पुलिस साफतौर पर इस मामले में अब तक कुछ नहीं कह पा रही है।16 जुलाई 2018 को किच्छा कोतवाली में न्यायालय के आदेश पर उत्तरांचल कॉलोनी निवासी मुन्नी देवी की तहरीर पर केस दर्ज हुआ था। मुन्नी का कहना था कि 23 दिसंबर 2017 को उनका बेटा मनोज जेब में डेढ़ लाख रुपये ले कर एक प्लॉट का बयाना देने के लिए घर से निकला था। इसके बाद नहीं लौटा।
परिजन को किच्छा में एक जंगल के पास मनोज लहुलूहान हालत में पड़ा था और वहां शराब की बोतल भी थी। अस्पताल पहुंचाने से पहले उसकी मौत हो गई। घर से निकलते समय उसके साथ उसका एक साथी भी मौजूद था, जिसने हादसे की बात बताई थी। मृतक की जेब से सिर्फ 30,000 रुपये मिले थे। शक के आधार पर कोर्ट के आदेश पर करीब सात माह बाद पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ हत्या और लूट का केस दर्ज कर विवेचना शुरू की। चार जनवरी 2019 को सबूतों के अभाव में इस मामले को विवेचक ने सड़क हादसे में तरमीम कर दिया। इसके बाद सात मार्च 2019 को मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाई गई लेकिन न्यायालय ने इसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया। इसके बाद से अब तक मामले का कुछ पता नहीं चल सका।
मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं
सड़क हादसे में न ही अब तक वाहन चिह्नित किया जा सका और न ही उसकी मौत का कारण स्पष्ट हो सका। वहीं वृद्ध मां लगभग हर हफ्ते पुलिस थाने और कार्यालय के चक्कर लगा कर वहां रोती-बिलखती है और बेटे की मौत के इंसाफ की गुहार लगाती है। लेकिन पुलिस कर्मचारी उसे लौटा देते हैं। यह मामले मेरी तैनाती से पहले का है। कोर्ट में मामला चल रहा है। कोर्ट के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। – डॉ. मंजूनाथ टीसी, एसएसपी

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