Wednesday, December 31, 2025
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अयोध्या में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का सपा-कांग्रेस पर निशाना, बोले– सदियों की प्रतीक्षा पूर्ण होने का उत्सव है प्रतिष्ठा द्वादशी

अयोध्या।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर अयोध्या में आयोजित ‘प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह’ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐतिहासिक और भावुक संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने बिना नाम लिए सपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज का दिन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सदियों की प्रतीक्षा के पूर्ण होने का प्रतीक है।

रक्षामंत्री ने कहा कि यह वही अयोध्या है, वही पावन भूमि है, जिसने वर्षों तक संघर्ष, अपमान और पीड़ा को सहा, लेकिन अपनी आस्था को कभी कमजोर नहीं होने दिया। अयोध्या ने अपने राम, अपने राजा और अपने आराध्य के लिए असहनीय प्रतीक्षा की और आज उस प्रतीक्षा के पूर्ण होने का उत्सव पूरे श्रद्धा और गौरव के साथ मनाया जा रहा है।

‘प्राण प्रतिष्ठा केवल मूर्ति की नहीं, भारत की आत्मा की थी’

राजनाथ सिंह ने कहा कि दो वर्ष पूर्व पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी को हुई प्राण प्रतिष्ठा केवल रामलला की मूर्ति की स्थापना नहीं थी, बल्कि वह भारत के जनमानस में पुनः आध्यात्मिक चेतना की प्राण प्रतिष्ठा थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि आज देश में जो कुछ भी हो रहा है और आने वाले वर्षों में जो होगा, वह आने वाले हजार वर्षों के भारत की नींव रखेगा। राम मंदिर का स्थापत्य और उसकी भावना उसी विचार को साकार कर रही है।

‘आज अयोध्या ही नहीं, पूरा विश्व राममय’

रक्षामंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम आज केवल अयोध्या तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पूरे विश्व को अपनी दिव्यता से आलोकित कर रहे हैं। अयोध्या की हर गली, हर चौक, हर द्वार और हर सांस राममय होकर आनंद से भरी हुई है। यह आनंद केवल अवध या भारत तक सीमित नहीं, बल्कि विश्व का हर वह हृदय जो राम को जानता, मानता और जीता है, आज उल्लास से भरा है।

‘रामकाज में बाधा डालने वालों का इतिहास भी दुनिया ने देखा’

अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि जब-जब धर्म की स्थापना का प्रयास हुआ, तब-तब कुछ आसुरी शक्तियों ने उसे रोकने का प्रयास किया। उन्होंने रथयात्रा के दौर को याद करते हुए कहा कि संतों, महंतों और कारसेवकों पर गोलियां चलीं, लाठियां बरसीं और राम का नाम लेने वालों को अपराधी घोषित करने तक की कोशिश हुई।

उन्होंने कहा, “हमने प्रभु श्रीराम से सीखा है कि समय सबका न्याय करता है। जिन्होंने रामराज्य, अयोध्या और अवध के विकास का साथ दिया, वे आज राष्ट्रसेवा में लगे हैं, और जिन्होंने रामकाज में अवरोध खड़े किए, उनकी स्थिति आज पूरी दुनिया देख रही है।”

रक्षामंत्री का यह संबोधन श्रद्धा, इतिहास और आस्था से जुड़ा रहा, जिसने प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह को और अधिक भव्य व स्मरणीय बना दिया।

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