राज्य को सैकड़ों डॉक्टर देने वाले राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की मान्यता पर संकट खड़ा हो गया है। संकट की वजह कॉलेज में फैकल्टी की कमी है। कमी भी मामूली नहीं आधी से ज्यादा 53 प्रतिशत है। इस कमी को मार्च में होने वाले नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के निरीक्षण से पहले पूरा करना होगा। ऐसा न हुआ तो 600 से ज्यादा स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटक सकता है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी को मई 2010 में सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाया गया। एमसीआई मेडिकल कॉलेज को उसकी फैकल्टी, ओपीडी आईपीडी, ओटी, लेक्चर थियेटर, लाइब्रेरी समेत कई चीजों को देख कर पांच साल की मान्यता दे रही थी। इस बीच अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज चालू करने के लिए हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से कई सीनियर, जूनियर फैकल्टी का तबादला वहां कर दिया गया। कुछ फैकल्टी छोड़ कर चली गई हैं जिसके चलते मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की भारी कमी हो गई है। अब कॉलेज की मान्यता पर भी खतरा मंडरा रहा है।
हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर संकट
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