झूलाघाट (पिथौरागढ़)। लंबे समय से मरम्मत न होने के कारण सीमावर्ती गांवों को जोड़ने वाला झूलाघाट का पैदल पुल बदहाल हो गया है। पुल में लगे डामर के उखड़ने से कई जगह पर बल्लियां दिखने लगी हैं।
नेपाल के बैतड़ी, डडेलधूरा, अछाम, डोटी, बाजुरा, बजांग आदि जिलों के पिथौरागढ़ सहित देश विदेश में रहने वाले लोग इसी पुल से आवागमन करते हैं। पिथौरागढ़ और बैतड़ी जिले में संयोजन बैठकों में आने वाले अधिकारी भी इसी पैदल पुल से आते हैं। अंग्रेजों के जमाने में बने पुल की देखरेख का काम लोनिवि करता है। पुल में प्रत्येक तीन से पांच वर्ष में जमीन की बल्लियां, टीन की चादरें, डामरीकरण, रंगरोगन कराया जाता है। लंबे समय से पुल की मरम्मत का कार्य ठप है। रंगरोगन न होने से पुल में लगे लोहे में जंग पकड़ने लगी है। डामर निकलने से जमीन की बल्लियां दिखने लगी है। हर साल बरसात में पुल के पास वाले पेड़, बोल्डर आदि पुल की दीवार को क्षतिग्रस्त करते रहते हैं। रोज आवागमन करने वाले लोगों ने जल्द से जल्द पुल के मरम्मत की मांग की है।
नेपाल को जोड़ने वाले पैदल पुल की मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। जैसे ही शासन से राशि स्वीकृत होगी। पुल की मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। – रुचि जंगपांगी, एई, लोनिवि खंड, पिथौरागढ़।
भारत और नेपाल को जोड़ने वाले पैदल पुल का निकलने लगा डामर
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