हल्द्वानी। क्षेत्रीय दलों से जुड़े लोगों की ओर से रविवार को हरिओम बैंकट हॉल मुखानी में बैठक आयोजित की गई। जिसमें उत्तराखंड की राजनीति में क्षेत्रीय दलों की भूमिका और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने कहा कि बड़े राजनीतिक दलों के हाईकमान द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयास काफी न्यून हैं। उत्तराखंड में चुने हुए विधायकों में से मुख्यमंत्री बनाने की परंपरा तक शुरू नहीं हो पा रही है। राज्य में राजनीति का व्यवसायीकरण हो रहा है जो कि आगामी भविष्य के लिए घातक है। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड के क्षेत्रीय दल विशेषकर उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश की जनता को जल, जंगल, जमीन, महंगाई, बेरोजगारी, पलायन से संबंधित मूलभूत विषयों को समझाने में असमर्थ रही है। जनता तक अपनी बात पहुंचाने व अपनी पैठ स्थापित तक क्षेत्रीय दल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में राज्य पूरी तरह व्यावसायिक राजनीति, कमीशन खोरी, राजनीतिक माफिया तंत्र का केंद्र बन गया है। कहा शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने की विशेष जरूरत है। इस मौके पर यूकेडी के भुवन चंद्र जोशी, उत्तम सिंह आदि मौजूद रहे।
क्षेत्रीय दलों की भूमिका और मुद्दों पर हुई चर्चा
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