जल विद्युत निगम की टीम पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर दूसरे दिन सोमवार को भी शक्ति नहर के किनारे किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई कर रही है। इसमें कच्चे-पक्के मकान, दुकान और अन्य निर्माण शामिल हैं। जिसके लिए आठ जेसीबी लगाई गई हैं। इससे पहले रविवार को भी 300 अवैध निर्माण जमींदोज किए गए थे। जल विद्युत निगम ने अपनी जमीन से खुद कब्जे हटाने के लिए शनिवार को आखिरी नोटिस देकर 24 घंटे का समय दिया था। जिसके बाद रविवार40-50 साल से बसी बस्तियों से अवैध कब्जे हटने का अभियान शुरू किया गया।
ये है पूरा मामला
डाकपत्थर से कुल्हाल तक 15 किमी लंबी शक्ति नहर के दोनों किनारों पर जल विद्युत निगम की 15 हेक्टेयर जमीन पर बनी बस्तियों को खाली कराने की कार्रवाई पहली बार 2018 में नोटिस के साथ शुरू हुई। अब हाल ही में एक और तीन मार्च को नोटिस दिए गए। इसके बाद नौ कब्जाधारियों के हाईकोर्ट जाने पर निगम ने इनके नोटिस वापस ले लिए थे। इसके चलते याचिका निस्तारित हो गई। इसके बाद निगम ने शनिवार सुबह कब्जाधारियों को 24 घंटे में बस्तियों को खाली करने के नोटिस दिए थे। शक्ति नहर के दोनों किनारों पर करीब 600 अवैध निर्माण गिराए जाने हैं। इसी के लिए अभियान शुरू किया गया है। कार्रवाई के पहले चरण में लगभग 300 निर्माण गिरा दिए गए हैं। शेष निर्माण पर आज कार्रवाई की जा रही है। – हेमंत कुमार, उप महाप्रबंधक, जल विद्युत निगम
शक्ति नहर किनारे अवैध निर्माण पर दूसरे दिन भी गरजा बुलडोजर, पुलिस तैनात
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