उत्तराखंड में वस्तु एवं माल कर चोरी रोकने के लिए नया प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत उद्योगों के साथ ही बड़ी टैक्स चोरी वाले क्षेत्रों की पड़ताल कर पूरा टैक्स वसूलने की तैयारी है। दरअसल राज्य कर विभाग को अभी तक जीएसटी के रूप में वही टैक्स मिल पा रहा है जो व्यापारी, कारोबारी और उद्यमी अपनी इच्छा से रिटर्न फाइल कर जमा कराते हैं। लेकिन इस वजह से विभाग को उम्मीद के मुताबिक टैक्स नहीं मिल पा रहा है। विभाग के अफसरों का अनुमान है कि कई सेक्टर बड़ी मात्रा में अपनी बिक्री और उत्पादन छिपाकर टैक्स चोरी कर रहे हैं। जबकि फर्जी आईटीसी की वजह से भी विभाग को चूना लगाया जा रहा है।
वैसे भी लॉकडाउन में टैक्स को लेकर बहुत अधिक सख्ती नहीं हुई है। इससे टैक्स राजस्व उम्मीद के अनुसार नहीं बढ़ पा रहा है। समस्या को देखते हुए अब टैक्स चोरी रोकने के लिए विशेष प्रयास करने का निर्णय लिया गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से निर्देश मिलने के बाद अब विभाग की ओर से नया प्लान तैयार कर रहा है।
छह हजार करोड़ हो सकता है नुकसान: उत्तराखंड को जून 2022 के बाद केंद्र से मिलने वाली जीएसटी की क्षतिपूर्ति बंद होने जा रही है। इस वजह से राज्य को राजस्व का भारी नुकसान होने जा रहा है। सरकार की चिंता यही है कि इस क्षतिपूर्ति के बंद होने के बाद राज्य के सामने आर्थिक संकट की नौबत आ सकती है। इसीलिए टैक्स बढ़ाने के लिए नया प्लान तैयार किया जा रहा है।
उत्पादन और बिक्री की जांच होगी
राज्य में आयरन, स्टील, प्लास्टिक, खनन सहित कई उद्योग हैं जहां राज्य को टैक्स पूरा नहीं मिल पा रहा है। इन क्षेत्रों में बिक्री और उत्पादन बहुत कम दिखाया जा रहा है। ऐसे में अब औद्योगिक संस्थानों में बिजली के साथ ही कच्चे माल की खपत का पूरा ब्योरा लिया जा रहा है। इसके साथ ही खनन के क्षेत्र में सभी रवन्नों की जांच करने की तैयारी है। ताकि उत्पादन का वास्तविक आंकड़ा सामने आए। उसके बाद उत्पादन और बिक्री के आंकड़ों को मिलाकर टैक्स की सही स्थिति का आंकलन किया जाएगा।
वस्तु एवं माल कर-GST चोरी करना अब नहीं होगा आसान, जानिए क्या बन रहा है प्लान,
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