पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कॉर्बेट टाइगर नेशनल पार्क के तहत पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में अनियमितता और लालढांग-चिल्लरखाल- कोटद्वार वन मोटर मार्ग निर्माण का मामला उठाते हुए पूर्व मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत पर सियासी हमला बोला है। बिना हरक सिंह का नाम लिए रावत ने सोशल मीडिया में लिखा है कि अविश्वसनीय तरीके से कॉर्बेट के कोर एरिया में बिना अनुमति के हजारों पेड़ काट दिए गए। बिना स्वीकृति के लाखों-करोड़ों रुपये निमार्ण पर खर्च कर दिए गए। उन्होंने सवाल उठाया क्या एक-दो अधिकारी बिना सरकार, मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना इतना बड़ा दुस्साहस कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि बिना सरकार व मुख्यमंत्री के संज्ञान या उनकी मौन सहमति के बिना इतनी अंधेरगर्दी नहीं हो सकती है।
दूसरी तरफ उन्होंने लालढांग-चिल्लरखाल- कोटद्वार वन मोटर मार्ग का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि इस सड़क के निर्माण के लिए वर्ष 2016 में सरकार ने सात करोड़ रुपये वन विभाग को सौंपे थे, लेकिन तब से लेकर अब तक सड़क आज भी उसी स्थिति में है। कोटद्वार और गढ़वाल के एक बड़े हिस्से के लिए जो लाइफलाइन मार्ग है, वह मार्ग नहीं बना। हरीश रावत के इस बयान को डॉ.हरक पर किए गए सियासी हमले के तौर पर देखा जा रहा है। दोनों ही नेता लोकसभा चुनाव में हरिद्वार से ताल ठोकने की बात कर रहे हैं। इधर, कुछ दिन पहले ही हरक सिंह रावत ने बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के लिए कोई काम नहीं किया। जबकि पिछली सरकार में डॉ.रावत वन मंत्री थे और उन्हीं के कार्यकाल में पाखरो टाइगर सफारी का निर्माण शुरू हुआ था।
पाखरो सफारी निर्माण को लेकर हरीश रावत ने हरक सिंह पर बोला सियासी हमला, सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट
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