सितारगंज/शक्तिफार्म। बीते छह दिनों तक लगातार हुई बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अत्यधिक बारिश के चलते खेतों में जलभराव होने से पकने को तैयार धान की फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचने का अंदेशा है।बारिश से सितारगंज और शक्तिफार्म क्षेत्र के निचले इलाकों में अभी जलभराव की स्थिति है। कई स्थानों पर पानी की निकासी तो हो गई लेकिन कीचड़ अभी भी है। शक्तिफार्म के देवनगर, गुरुग्राम, तिलियापुर, बसगर, निर्मलनगर, सुरेंद्रनगर, अरविंदनगर, राजनगर आदि गांवों के खेतों में जलभराव की स्थिति बनी है। इससे धान और गन्ने की फसल को ज्यादा नुकसान होने का अंदेशा है। कृषि विशेषज्ञ समर भक्त और अजय नारायण ने बताया कि गन्ने की फसल गिरने से उसकी पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। गन्ना काटने और ढोने में भी ज्यादा लागत आएगी।
कहा कि धान की फसल पर भी इस बारिश का प्रतिकूल असर पड़ेगा। पैदावार कम होने के साथ ही धान की फसल में सड़न और गलन की बीमारी लगने की संभावना बढ़ गई है। तिलहन की फसल लगाने में भी देरी हो सकती है। शक्तिफार्म समेत सितारगंज क्षेत्र में अधिकतर लोग कृषि पर ही निर्भर हैं। ऐसे में फसलों पर कुदरती मार ने किसानों की कमर तोड़ रखी है। किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ झलकती नजर आ रही हैं। इधर तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी ने कहा कि राजस्व उप निरीक्षकों को अपने हल्का क्षेत्रों में फसलों को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। आकलन के बाद विधि अनुसार जो भी अनुदान की कार्रवाई होगी वह की जाएगी।
भारी बरसात ने किसानों के माथे पर खींची चिंता की लकीरें
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