उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान मुजफ्फरनगर गोलीकांड और तत्कालीन डीएम अनंत कुमार सिंह से जुड़े केस के मुजफ्फरनगर स्थानांतरित होने के मामले में हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से 14 नवंबर तक प्रतिशपथ पत्र पेश करने के लिए कहा है। अधिवक्ता रमन साह की ओर से दायर याचिका पर वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की पीठ में सुनवाई हुई। सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और देहरादून के जिला एवं सत्र न्यायालय की ओर से जवाब पेश किया गया। दोनों पक्षकारों की ओर से कहा गया है कि गोलीकांड से जुड़े पांच मामलों की सुनवाई देहरादून की सीबीआई अदालत में चल रही थी। इसी दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सन 2004 में पांच में से चार मामलों को मुजफ्फरनगर स्थानांतरित कर दिया गया जबकि एक मामले (42/1996) की सुनवाई देहरादून सीबीआई कोर्ट में चल रही थी। वर्ष 2005 में इस मामले को भी मुजफ्फरनगर स्थानांतरित कर दिया गया।
अदालत ने दोनों पक्षकारों के जवाब को रिकॉर्ड में ले लिया और याचिकाकर्ता को दोनों के शपथपत्र का जवाब प्रतिशपथ पत्र के माध्यम से देने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि देहरादून जिला अदालत की ओर पांच मार्च 2005 को मुजफ्फरनगर कांड के मुख्य आरोपी व तत्कालीन डीएम अनंत कुमार सिंह और 12 अन्य अधिकारियों के खिलाफ हत्या से जुड़े मामले को बिना किसी आदेश के देहरादून से मुजफ्फरनगर स्थानांतरित कर दिया जो कि गलत है।