चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर चलने वाले घोड़े-खच्चरों की पंजीकरण से पहले फिटनेस जांच की जाएगी। इसके बाद ही पंजीकरण कर संचालन की अनुमति दी जाएगी। आगामी यात्रा से इस नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा। फाटा के पास जांच केंद्र बनाने के लिए जमीन उपलब्ध हो गई है। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर तीर्थयात्रियों को लाने व ले जाने के लिए घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जाता है। जिला पंचायत की ओर से मार्ग पर संचालन के लिए घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया जाता है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में चढ़ाई पर यात्रियों को ले जाने के लिए घोड़े-खच्चर कितने फिट हैं, इसकी जांच नहीं होती है। जिस कारण अक्सर घोड़े-खच्चर दम तोड़ देते हैं। बीते वर्ष अकेले केदारनाथ पैदल मार्ग पर लगभग 340 घोड़े-खच्चरों की मौत हुई थी। इसे देखते हुए सरकार घोड़े-खच्चरों के संचालन के लिए नई व्यवस्था लागू करने जा रही है, जिसमें पंजीकरण से पहले जांच की जाएगी।
11600 से अधिक घोड़े-खच्चर
केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर लगभग 8600 और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर 3,000 घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जाता है। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर ज्यादा कमाई के लिए कई बार घोड़ा-खच्चर मालिक दिन में एक ही घोड़े या खच्चर से कई चक्कर लगाते हैं। अब सरकार इनके लिए नियम बना रही है।
घोड़े-खच्चरों से हुआ 130 करोड़ का कारोबार
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक केदारनाथ में घोड़े-खच्चर मालिकों ने 2022 में चारधाम यात्रा के दौरान 109 करोड़ का कारोबार किया। 5.34 लाख तीर्थयात्री घोड़े-खच्चरों से केदारनाथ पहुंचे। जबकि यमुनोत्री धाम में 21.75 करोड़ का कारोबार किया गया। आगामी चारधाम यात्रा में केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में घोड़े-खच्चरों के संचालन के लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है। संचालन से पहले घोड़े-खच्चरों की फिटनेस जांच से पता चल जाएगा कि वो चलने लायक है या नहीं। – सौरभ बहुगुणा, पशुपालन मंत्री
पंजीकरण से पहले घोड़े-खच्चरों का होगा फिटनेस टेस्ट, फाटा में बनेगा जांच केंद्र
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