काशीपुर। किसी चीज का उद्घाटन हो जाए तो उम्मीद होती है वहां कार्य उसी दिन से शुरू हो जाए लेकिन कोरोनाकाल के दौरान बनाया एलडी भट्ट उप जिला अस्पताल में बनाया गया चार बेड का आईसीयू वार्ड उद्घाटन के बाद शुरू ही नहीं हो पाया है। वार्ड में लगे उपकरणों को संचालित करने के लिए न तो स्टाफ है न ही डॉक्टर। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना काल के दौरान गंभीर कोरोना संक्रमितों को तत्काल इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से लाखों रुपये की लागत से चार बेड का आईसीयू वार्ड अस्पताल में बनवाया था। इसका उद्घाटन 18 नवंबर 2020 को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तत्कालीन महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती ने किया था। उद्घाटन होने के बाद से शुरू नहीं हो सका। अस्पताल में आईसीयू बनने के बाद शहरवासियों में भी उम्मीद जगी थी कि अब महंगे अस्पताल की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। इसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कहें या अनदेखी कि लाखों खर्च करके आईसीयू वार्ड तो बना दिया गया लेकिन आज तक वार्ड से संबंधित स्टाफ की तैनाती नहीं हुई। सूत्रों के मुताबिक आईसीयू के लिए फिजिशियन, निश्चेतक के अलावा उपकरणों को संचालित करने के लिए स्टाफ होना चाहिए। ऐसे में शहरवासियों के लिए आईसीयू वार्ड शोपीस बन गया है।
कहीं जंग न खा जाएं उपकरण
काशीपुर। कोरोना काल के दौरान बने आईसीयू वार्ड में वेंटीलेटर, हार्ट मॉनीटर, फीडिंग ट्यूब्स, कैथेटर मशीन लगाने के साथ ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाई गई थी। बताया जाता है जब वार्ड बनकर तैयार हुआ था तब सभी उपकरणों को संचालित करके देखा गया था लेकिन उद्घाटन के बाद से उपकरणों को संचालित करके देखा तक नहीं गया। ऐसे में लाखों के उपकरण जंग खा जाएंगे। आईसीयू वार्ड के लिए एक फिजिशियन और एक निश्चेतक के अलावा अन्य स्टाफ की तैनाती होनी चाहिए थी लेकिन विभाग की ओर से आईसीयू के लिए डॉक्टरों के साथ एक भी कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई। इसके चलते आईसीयू बंद है। – डॉ. कैमाश राणा, सीएमएस, एलडी भट्ट उप जिला चिकित्सालय।