चंबा में आलवेदर रोड परियोजना के तहत बन रही सुरंग में आई दरारों को बीआरओ ने प्राकृतिक प्रक्रिया बताया है। साथ ही कहा है कि सुरंग के ज्वाइंट में दरारें पड़ी हैं। इससे सुरंग के ढांचे को कोई खतरा नहीं है। उधर, स्थानीय निवासी सुरंग में आई दरार से दहशत में हैं और इसे चंबा के लिए खतरा बता रहे हैं।
सुरंग के निर्माण चंबा के लिए खतरा
चंबा में आलवेदर रोड परियोजना के तहत बन रही सुरंग में दरार पड़ने का मामला पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में है। स्थानीय निवासियों ने सुरंग के निर्माण पर सवाल उठाते हुए इसे चंबा के लिए खतरा बताया है। चंबा में सुरंग निर्माण के बाद से ही मठियाण गांव, मंज्यूड़ और गुल्डी गांव के कुछ मकानों में भी दरारें पड़ी थी। लंबे समय से यहां के स्थानीय निवासी भी मुआवजे की मांग कर रहे हैं। ऐसे में अब सुरंग के अंदर पड़ी दरारों के कारण वो दहशत में हैं।
नई सुरंग में इस तरह दरार पड़ना सही नहीं
स्थानीय निवासी सुरम तोपवाल का कहना है कि नई सुरंग में इस तरह दरार पड़ना सही नहीं है। मामले में जांच होनी चाहिए। दरारें पड़ने की जानकारी के बाद शुक्रवार को एडीएम रामजी शरण और बीआरओ के अवर अभियंता एनएस कोटवाल ने सुरंग का निरीक्षण किया। इस दौरान बीआरओ के अवर अभियंता ने बताया कि दरार से सुरंग के ढांचे को कोई खतरा नहीं है। सुरंग के अंदर कई तरह के ज्वाइंट होते हैं, जिन्हें भरा जाता है ताकि वह दिखाई न दें। इस तरह के ज्वाइंट हर सुरंग के अंदर होते हैं, जो गर्मी में फैल जाते हैं और सर्दियों में सिकुड़ते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रकिया है और इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। वहीं बीआरओ टिहरी के कमान अधिकारी नमन नरूला ने भी आश्वस्त करते हुए कहा कि चंबा सुरंग का ढांचा पूरी तरह सुरक्षित है। इसे लेकर घबराने की कोई बात नहीं है। जल्द ही इसकी मरम्मत कराई जाएगी।
चंबा में आलवेदर रोड की सुरंग में दरार से स्थानीय निवासियों में दहशत, बीआरओ बताया यह कारण
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