ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा भूमि घोटाला मामले में जिला प्रशासन द्वारा दर्ज कराए गए दो मुकदमों की जांच के लिए गौतमबुद्धनगर के पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी का गठन कर दिया है। यह एसआईटी अपर पुलिस कमिश्नर (अपराध) भारती सिंह के नेतृत्व में गठित की गई है। क्राइम ब्रांच के दो इंस्पेक्टर इसके सदस्य हैं। चिटहेरा प्रकरण में जिला प्रशासन द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमों में बड़े-बड़े और रसूखदार शामिल हैं। इनमें उत्तराखंड में वरिष्ठ पदों पर तैनात दो आईएएस अधिकारियों और एक आईपीएस अधिकारी के परिवारजन नामजद आरोपी हैं। इस मामले में एक मुकदमा लेखपाल शीतला प्रसाद की ओर से दर्ज कराया गया था, जिसमें भूमाफिया यशपाल तोमर व त्रिदेव प्राइवेट लिमिटेड के नरेंद्र कुमार, कर्मवीर, बेलू, कृष्ण पाल, एम भास्करण, केएम संत उर्फ खचेरमल, गिरीश वर्मा और सरस्वती देवी नामजद हैं, जबकि दूसरा मुकदमा राजस्व निरीक्षक पंकज निरवाल की तरफ से दर्ज कराया गया है। इस मुकदमे में पहला मुकदमा दर्ज कराने वाला लेखपाल शीतला प्रसाद तो आरोपी है ही उसके साथ दादरी तहसील व हापुड़ जिले में तैनात रहे अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप हैं। इस प्रकरण में मुकदमा दर्ज होने के बाद अभी तक पांच नामजद आरोपी इलाहबाद हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत भी ले चुके हैं।
शासन स्तर पर भी कार्रवाई की तैयारी
गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन चिटहेरा प्रकरण में अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश शासन को एक सप्ताह पूर्व भेज चुका था। इसमें उन्होंने 1997 से लेकर 2020 तक तैनात रहे अनेक अधिकारियों पर सवाल उठाए थे। इन अफसरों की जिम्मेदारी तय करते हुए उन पर कार्रवाई की संस्तुति जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव नियुक्ति व अपर मुख्य सचिव राजस्व से की थी। जानकारी के अनुसार, शासन द्वारा भी इसमें एसआईटी का गठन किया जा रहा है और शीघ्र ही वरिष्ठ अधिकारियों की यह एसआईटी घोषित होगी।
दस्तावेज भी सही कर रहे: एसडीएम
एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता ने बताया कि चिटहेरा प्रकरण के तीन मामलों में खाता संख्या 594, 608, व 596 पर दर्ज तहसीलदार दादरी द्वारा 30 सितंबर 2016 को किए गए त्रुटिपूर्ण आदेश को निरस्त कर दिया गया है। इन नंबरों पर रकबों को संशोधित कर खसरा-खतौनी को दुरुस्त कर दिया गया है।
चिटहेरा भूमि घोटाला मामले में रसूखदारों पर कसेगा शिकंजा, जांच के लिए पुलिस कमिश्नर ने बनाई एसआईटी
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