Saturday, November 23, 2024
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तराई में रिमझिम बारिश से शीतलहर का कहर

तराई में मौसम ने गुरुवार शाम से करवट ली और देर रात से रिमझिम बारिश शुरू हो गई। जो अगले दिनभर रुक रुक कर होती रही। जिसके चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश और ठंड के कारण लोग आवश्यक कार्य पड़ने पर ही घरों से बाहर निकले।
गुरुवार को ठंड के चलते आमजन को परेशानियां उठानी पड़ी। पंत विवि के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि गुरुवार को 11.03 मिमी वर्षा हुई। मुख्य कृषि अधिकारी डा. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि बारिश से सरसों को नुकसान होने की संभावना है। जबकि गेहूं की फसल के लिए यह बारिश वरदान है। जिले में चार हजार हेक्टेयर भूमि पर सरसों की खेती होती है। वहीं, मुख्य उद्यान अधिकारी भावना जोशी ने बताया कि 15 से 20 फीसद आलू और मटर को नुकसान पहुंचने की संभावना है। इससे जिले में 2,800 हेक्टेयर में आलू और 35 हजार हेक्टेयर में मटर की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ सकती है। वहीं, बाजपुर क्षेत्र में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दिनभर हुई बूंदाबांदी से ठिठुरन में भारी इजाफा हो गया है।

तराई में रिमझिम बारिश से शीतलहर का कहर
तराई में मौसम ने गुरुवार शाम से करवट ली और देर रात से रिमझिम बारिश शुरू हो गई। जो अगले दिनभर रुक रुक कर होती रही। जिसके चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश और ठंड के कारण लोग आवश्यक कार्य पड़ने पर ही घरों से बाहर निकले।
जासं, रुद्रपुर : तराई में मौसम ने गुरुवार शाम से करवट ली और देर रात से रिमझिम बारिश शुरू हो गई। जो अगले दिनभर रुक रुक कर होती रही। जिसके चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश और ठंड के कारण लोग आवश्यक कार्य पड़ने पर ही घरों से बाहर निकले।
गुरुवार को ठंड के चलते आमजन को परेशानियां उठानी पड़ी। पंत विवि के मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह ने बताया कि गुरुवार को 11.03 मिमी वर्षा हुई। मुख्य कृषि अधिकारी डा. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि बारिश से सरसों को नुकसान होने की संभावना है। जबकि गेहूं की फसल के लिए यह बारिश वरदान है। जिले में चार हजार हेक्टेयर भूमि पर सरसों की खेती होती है। वहीं, मुख्य उद्यान अधिकारी भावना जोशी ने बताया कि 15 से 20 फीसद आलू और मटर को नुकसान पहुंचने की संभावना है। इससे जिले में 2,800 हेक्टेयर में आलू और 35 हजार हेक्टेयर में मटर की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ सकती है। वहीं, बाजपुर क्षेत्र में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दिनभर हुई बूंदाबांदी से ठिठुरन में भारी इजाफा हो गया है।
इधर, सितारगंज में मौसम के मिजाज में हुए फेरबदल से घने बादलों व ठंडी हवाओं के बीच हल्की बरसात हुई। इसके साथ तापमान में आई गिरावट से ठिठुरन बढ़ गई है। जिसकी वजह से सड़कों व बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। सुबह शुरू हुई रिमझिम बारिश लगातार बरसते हुए दोपहर बाद तेज हो गई। नगर के विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न होने लगी।
रिमझिम बारिश से सीमांत में बढ़ी ठंड: सीमांत में दिनभर रिमझिम बारिश होती रही। इससे ठंड बढ़ गई है। कई स्थानों पर लोग ठंड से राहत पाने के लिए अलाव का सहारा लेते देखे गए। ये बारिश फसलों के लिए हानिकारक बताई जा रही है।
सीमांत में गुरुवार को मौसम ने अचानक करवट बदली। सुबह से आसमान पर घने बादल छा गए। इसके साथ ही रिमझिम बारिश शुरू हो गई। पूरे दिन भर रुक-रुक कर यह सिलसिला चलता रहा। बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। मौसम वेधशाला के प्रभारी नरेंद्र सिंह रौतेला ने बताया कि पिछले छह घंटों के दौरान 5 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। गुरुवार को अधिकतम तापमान 14 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस रहा। आने वाले घंटों में और बारिश हो सकती है। उन्होंने इस बारिश को फसलों के लिये नुकसान दायक बताया।

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