Wednesday, December 4, 2024
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जगदीश चंद्र हत्याकांड मामले में पुलिस प्रक्रिया की जांच करेगी एसआईटी

हल्द्वानी। अंतरजातीय विवाह करने के बाद अनुसूचित जाति के युवक की हत्या मामले में डीआईजी ने पुलिस कार्रवाई की जांच के निर्देश दिए हैं। डीआईजी की निगरानी में एसआईटी की टीम मामले के मुख्य बिंदुओं पर छानबीन करेगी। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों के भी नपने की आशंका जताई जा रही है।अल्मोड़ा के सल्ट क्षेत्र के पनवाद्यौखन गांव निवासी जगदीश चंद्र (38) ने 21 अगस्त को भिकियासैंण में सिनार मोटर मार्ग पर स्थित बेल्टी गांव निवासी गीता उर्फ गुड्डी से प्रेम विवाह किया था। शादी गैराड़ मंदिर में हुई थी। आरोप है कि इस शादी से गीता की मां भावना देवी, सौतेले पिता जोगा सिंह और सौतेला भाई गोविंद सिंह बौखलाए हुए थे। इसी रंजिश में आकर गीता के सौतेले पिता और भाई ने पहले जगदीश चंद्र का अपहरण किया और उसके बाद हत्या कर दी।
अपहरण की सूचना पर पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पुलिस ने रात दस बजे करीब सिनार मोटर मार्ग के पास खड़ी एक कार की छानबीन की तो उसमें गीता की मां और सौतेले पिता और भाई बैठे थे। साथ ही कार में जगदीश का शव भी पड़ा हुआ था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार भी कर लिया। वहीं मंगलवार को डीआईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि छानबीन के दौरान सामने आया था कि वारदात से कुछ दिन पहले गीता एसएसपी अल्मोड़ा के कार्यालय पहुंची थी और वहां उसने सुरक्षा को लेकर प्रार्थना पत्र भी दिया था। वहीं अभी तक की जांच में सामने आया है कि गीता कार्यालय तो पहुंची थी लेकिन बिना एसएसपी से मिले ही प्रार्थना पत्र देकर चली गई थी। संदेहास्पद होने पर अब मामले में एसआईटी की टीम को जांच सौंपी गई है। डीआईजी के मुताबिक टीम यह जांच कर रही है कि पत्र मिलने के बाद भी संबंधित पुलिसकर्मी या अधिकारी ने एसएसपी अल्मोड़ा को ब्रीफ क्यों नहीं किया। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि एसएसपी कार्यालय से शिकायती पत्र को किस दिन और कितने बजे डाक से संबंधित थाने में भेजा गया और वहां कब रिसीव किया गया है। डीआईजी ने बताया कि जांच के दौरान अगर पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मां को बताया प्रेम विवाह का पक्षधर, पुलिस ने शव के साथ किया गिरफ्तार
27 अगस्त को गीता उर्फ गुड्डी ने एसएसपी अल्मोड़ा के कार्यालय में जो शिकायती पत्र दिया था उसमें गीता ने साफ तौर पर मां भावना देवी को अपना पक्षधर बताया था। पत्र के मुताबिक गीता की मां ने ही उसे मनमुताबिक जीवन साथी चुनकर अच्छी जिंदगी जीने की सलाह दी थी। साथ ही गीता ने जगदीश को मां से भी मिलवाया था। इधर जगदीश चंद्र के अपहरण और हत्या के बाद पुलिस ने जिस गाड़ी से गीता के सौतेले पिता और भाई को गिरफ्तार किया उस गाड़ी में शव के साथ गीता की मां भी मौजूद थी। अब पुलिस के सामने कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। क्या गीता की मां साजिश में शामिल थी या फिर उसे भी डरा-धमका कर शामिल किया गया है। डीआईजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि तीनों आरोपियों की रिमांड के लिए अपील की गई है। रिमांड मिलने के बाद पूछताछ की जाएगी और अपराध में शामिल अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं डीआईजी ने पीड़ित गीता उर्फ गुड्डी और गवाहों को सुरक्षा भी प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।

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