हल्द्वानी। जमरानी बांध परियोजना से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की लाखों की आबादी की जहां पेयजल की जरूरतें पूरी होंगी। वहीं खेती के बड़े रकबे की सिंचाई भी होगी। इसके अलावा बिजली उत्पादन से लेकर मछली पालन और वाटर स्पोर्ट़्स के जरिये भी राजस्व सरकार को मिलेगा। सिंचाई विभाग ने जमरानी बांध का पानी यूपी के बरेली और रामपुर जिले तक पहुंचाने के लिए कागजी कवायद पूरी कर ली है। बस धरातल पर काम होने का इंतजार है। 38.6 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी से उत्तराखंड की 34,720 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। 61 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी से उत्तर प्रदेश की 1,15,582 हेक्टेयर भूमि होगी लाभान्वित
साल दर साल इंतजार के बाद बढ़ी फाइल
जमरानी बांध परियोजना की शुरुआत अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय हो गई थी। उत्तराखंड के रूप में अलग राज्य गठन के बाद भी परियोजना ठंडे बस्ते में ही पड़ी रही। पिछले कुछ वर्षों में जमरानी बांध को लेकर तेजी आई है। जमरानी बांध बनने पर यूूपी के दो जिलों रामपुर और बरेली तक नहरों के जरिये पानी पहुंचाया जाएगा। सिंचाई विभाग के अनुसार इसके लिए 300 करोड़ से अधिक की लागत से नहरों का पुनर्निर्माण किया जाना है। इसके लिए प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
गौलावार फीडर का होगा चौड़ीकरण
हल्द्वानी। यूपी के रामपुर और बरेली के लिए पानी गौलावार फीडर से होकर जाएगा। इसके लिए काठगोदाम से सेंचुरी पेपर मिल (लालकुआं) तक 16 किलोमीटर लंबी गौलावार फीडर का चौड़ीकरण कार्य किया जाएगा। इस कार्य में 100 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। गौलावार फीडर की क्षमता को डेढ़ गुना किया जाना प्रस्तावित है। अभी गौलावार फीडर की क्षमता 15 क्यूमेक है, जिसे बढ़ाकर 24 क्यूमेक किया जाएगा।
पाहा फीडर से बरेली पहुंचेगा पानी
हल्द्वानी। यूपी के बरेली जिले की सिंचाई और पेयजल की जरूरतों को पूरा करने के लिए पाहा फीडर से पानी पहुंचाया जाना है। इसके लिए सेंचुरी पेपर मिल से नगला तक साढ़े आठ किलोमीटर लंबी नहर का पुनर्निर्माण किया जाएगा। इसकी क्षमता बढ़ाकर डेढ़ गुना की जाएगी। नगला से किच्छा बैराज होते हुए बरेली जिले के लिए पानी की निकासी की जाएगी।
रामपुर के लिए टांडा के जंगलों से गुजरेगी नहर
हल्द्वानी। गौला नदी हल्द्वानी, किच्छा होते हुए बरेली जिले की ओर जाती है। जमरानी बांध बनने के बाद रामपुर जिले में पानी देने के लिए टांडा के जंगलों से होते हुए नहर का निर्माण किया जाएगा। यहां जंगलों के बीच हरिपुरा फीडर पहले से बना है जो जर्जर हालत में है। इसे पुन: सक्रिय करने के लिए इसका पुनर्निर्माण किया जाएगा। लगभग 18 किमी लंबे फीडर को हरिपुरा जलाशय तक ले जाया जाएगा। जलाशय के बाद यह नहर रामपुर जिले के लिए निकलेगी।
किच्छा बैराज को यूपी सरकार को करना होगा ठीक
साल 2021 में किच्छा बैराज क्षतिग्रस्त हो गया था। बैराज को ठीक करने की जिम्मेदारी यूपी सरकार की है। बरेली तक जमरानी बांध से पानी पहुंचाने के लिए इस बैराज को ठीक किया जाना जरूरी है। – जमरानी परियोजना के प्रबंधक संजय सिंह
नहरों का प्रस्ताव शासन को भेजा
जमरानी बांध परियोजना से उत्तराखंड के साथ ही उत्तरप्रदेश की भी पानी की जरूरतें हल होंगी। यूपी के बरेली और रामपुर जिले के लिए नहरों के जरिये पानी पहुंचाने की योजना है। इसके लिए विभिन्न नहरों का पुनर्निर्माण और मरम्मत का कार्य किया जाना है। इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। – ललित कुमार, उप महाप्रबंधक, जमरानी परियोजना इकाई
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