उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा के लिए चुनावी महायज्ञ के बाद नई सरकार का गठन होने जा रहा है। प्रदेश के चहुंमुखी विकास, लोक कल्याण और खुशहाली की कामना के साथ मतदान में 65 प्रतिशत से ज्यादा भागीदारी के रूप में जनता उत्साह प्रदर्शित कर चुकी है। जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतरने और राज्यवासियों की पुकार सुनने की बारी अब नई सरकार की है।
इन्हीं जन अपेक्षाओं को नई सरकार के साथ साझा कर रहा है। आम जन, बुद्धिजीवियों एवं समाज के विभिन्न वर्गों ने विमर्श कर औद्योगिक विकास व आर्थिकी, स्वास्थ्य, ढांचागत विकास, पलायन, पर्यटन और सीमांत सुरक्षा के छह प्राथमिक क्षेत्र तय किए। इंटरनेट मीडिया के विभिन्न माध्यमों, वाट्सएप, ट्विटर, ईमेल, वेबिनार के साथ ही राउंड टेबल कांफ्रेंस, चौपालों और व्यक्तिगत संवाद के माध्यम से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। विभिन्न विषय विशेषज्ञों और व्यक्तियों के साथ मंथन का सिलसिला जारी है। इन्हें लगातार छह दिन तक साझा किया जाएगा। इस कड़ी में छह प्राथमिकताओं में शुक्रवार को पहले दिन प्रदेश के औद्योगिक विकास व आर्थिकी पर उद्यमियों, औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों और अन्य व्यक्तियों की अपेक्षाओं को प्रस्तुत किया जा रहा है। शनिवार को प्राथमिकता के दूसरे बिंदु पर जन सुझावों को सामने रखा जाएगा।
इंटरनेट मीडिया से मिले सुझाव
डा. अनुज पुरी (उत्तरकाशी) ने कहा कि उत्तराखंड में हर्बल व एरोमा इंडस्ट्री, हेल्थ, वेलनेस, टूरिज्म आदि क्षेत्रों में बहुत संभावनाएं हैं। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी, आइटी नेटवर्क, बुनियादी आधारभूत ढांचा, ईज आफ लिविंग पर ध्यान केंद्रित करना होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे तो राज्य में पलायन समेत अन्य समस्याओं का समाधान भी हो सकेगा। नई सरकार से अपेक्षा है कि इस दिशा में बेहतर कार्य किया जाएगा।
डा. लक्ष्मण चौहान, शिक्षक (राजीव गांधी नवोदय विद्यालय देहरादून) ने बताया कि उद्योगों के विस्तार के लिए सरकार को लैंड बैंक के साथ ही अन्य सहूलियतें प्राथमिकता के आधार पर देनी होंगी। बिजली की बढ़ती दरों पर भी लगाम कसनी होगी। इसके साथ ही नई सरकार को ढांचागत विकास पर ध्यान देना चाहिए। जिससे लोग ढांचागत विकास के अभाव में पलायन करने को मजबूर न हों। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और नागरिकों को उनके मूल क्षेत्रों में रोका जा सकेगा।
सुनिए सरकार उत्तराखंड की पुकार : नई सरकार के लिए उम्मीदें ले रही आकार
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