अल्मोड़ा। स्थानांतरण से नाराज मेडिकल कॉलेज के 12 डॉक्टरों ने बृहस्पतिवार को कामकाज छोड़ धरना दिया। उनके समर्थन में पहुंचे धर्म निरपेक्ष युवा मंच के पदाधिकारियों ने भी सरकार को कटघड़े में खड़ा करते हुए इसका विरोध किया। चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो आंदोलन किया जाएगा। पिथौरागढ़ बेस अस्पताल भेजे जा रहे मेडिकल कॉलेज में तैनात 12 डॉक्टरों ने बृहस्पतिवार को आदेश का विरोध करते हुए धरना दिया। उन्होंने बताया कि उनके बांड की अवधि महज पांच माह शेष है। इतने कम समय के लिए उन्हें अन्यत्र भेजा जाना सही नहीं है। वहीं उनके समर्थन में पहुंचे धर्म निरपेक्ष युवा मंच के संयोजक विनय किरौला ने बताया कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज पहले ही डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। अधिकतर विभाग सिर्फ एक विशेषज्ञ डॉक्टर के भरोसे चल रहे हैं। उनका भी स्थानांतरण हो गया तो यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी और मेडिकल कॉलेज केवल रेफर सेंटर बनकर रह जाएगा।
इसके अलावा इन डॉक्टरों का तबादला होने से मेडिकल कॉलेज की फैकल्टी कम हो जाएगी और नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) से मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द हो जाएगी जिसका खामियाजा पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं को भुगतना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि डॉक्टरों का स्थानांतरण का आदेश रद्द नहीं हुआ तो मंच आंदोलन करेगा। वहां मयंक पंत, सागर वर्मा, जगदीश नगरकोटी, श्याम कनवाल, सोनी टम्टा, राहुल कनवाल, वीरेंद्र कनवाल, रोहित कनवाल, अमित कनवाल, कार्तिकेय कनवाल, पंकज रौतेला, नंदन कनवाल, अमन कनवाल, अमित चौधरी आदि थे।
तबादले के विरोध में धरने पर बैठे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर
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