रुद्रपुर/गदरपुर। मनरेगा में नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) के माध्यम से श्रमिकों की ऑनलाइन उपस्थिति की अनिवार्यता के आदेश के विरुद्ध ग्राम प्रधान संगठन के प्रांतीय आह्वान पर सोमवार को प्रधानों ने ब्लॉक कार्यालय में धरना दिया। उन्होंने बीडीओ के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा। सुबह 11 बजे रुद्रपुर ब्लॉक में सांकेतिक धरना देने के बाद ग्राम प्रधानों ने बीडीओ व प्रशिक्षु आईएएस अनामिका को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति के कारण पर्वतीय क्षेत्रों के अधिकांश व मैदानी क्षेत्रों के कुछ दूरस्थ गांवों में नेटवर्किंग की समस्या है। एनएमएमएस को अनिवार्य करते हुए मनरेगा श्रमिकों को दिन में दो बार ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करनी पड़ रही है। नेटवर्किंग की समस्या के कारण श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज होने में दिक्कत आ रही है जिससे उन्हें मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। ग्राम प्रधानों ने कहा कि कर्मचारियों व ग्राम प्रधानों को एनएमएमएस का प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया है। उन्होंने ग्राम पंचायतों में एक समय में 20 ही कार्य की बाध्यता को समाप्त करने, 15वें वित्त का बजट जारी करने व ग्राम प्रधानों को कोरोना प्रोत्साहन राशि शीघ्र देने की भी मांग की। वहां ग्राम प्रधान दीपा कांडपाल, रूप सिंह, आशा देवी, कैलाश जोशी, राहुल तिवारी, हरीश भट्ट, जियाउर रहमान आदि थे।
इधर गदरपुर में ग्राम प्रधानों ने विकासखंड कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया। ग्राम प्रधान संघ के जिला उपाध्यक्ष संजय चौधरी के नेतृत्व में प्रधानों ने मनरेगा के तहत मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम के खिलाफ समेत विभिन्न मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित चार सूत्री ज्ञापन बीडीओ शेखर जोशी को सौंपा। उन्होंने एक सप्ताह में मांगें पूरी न होने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी। वहां कविता गुंबर, गुरविंदर सिंह विर्क, रविंद्र सिंह, सुंदर गिरी गोस्वामी, मनोज देवरानी हेमंत गिरी, नंदन सिंह नैनवाल, प्रमोद कंबोज, गुरनाम सिंह, महेंद्र सिंह सैनी, शराफत अली मंसूरी, इंद्रपाल सिंह, त्रिलोक सिंह आदि मौजूद रहे।
सितारगंज में भी गरजे प्रधान, उठाई चार सूत्री मांग
सितारगंज। ग्राम प्रधानों ने राज्य में मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू करने का विरोध किया है। उन्होंने चार सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। ग्राम प्रधानों ने ग्राम प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल के नेतृत्व में ब्लॉक कार्यालय में धरना देकर 15वें वित्त की धनराशि पंचायतों को देने की मांग की। प्रधानों ने कहा एमआईएस साइट को दिनोंदिन जटिल बनाया जा रहा है। पूर्व में ग्राम प्रधानों को कोरोना प्रोत्साहन राशि 10 हजार और ग्राम पंचायत आपदा निधि के रूप में 10 हजार रुपये देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक धनराशि नहीं मिली। धरने पर कुलदीप सिंह, लक्खा सिंह, सुखविंदर सिंह मोमी, ममता, निमिषा डसीला, दिनेश राणा, विमल सिंह, जसपाल सिंह, आनंद जोशी, शशि बाला, भूपेंद्र सिंह, राजरानी, राजा हाल्दार आदि बैठे।
कोरम पूरा न होने पर बीडीसी की बैठक स्थगित
गदरपुर/काशीपुर। कोरम पूरा न होने पर बीडीसी की बैठक स्थगित कर दी गई। विकास खंड सभागार में सोमवार को बीडीसी की बैठक होनी थी। ब्लॉक प्रमुख पूनम रानी सहित विभिन्न विभागों से अधिकारी बैठक में पहुंचे थे लेकिन विकासखंड सभा कार्यालय परिसर में ग्राम प्रधानों ने अपनी मांगों के लिए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्राम प्रधानों के धरने का क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने भी समर्थन किया और बैठक का बहिष्कार कर दिया। वहां मौजूद अधिकारियों ने पंचायत प्रतिनिधियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन प्रधान नहीं माने। काफी देर तक चली वार्ता के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला तो कोरम के अभाव में क्षेत्र पंचायत की बैठक को स्थगित कर दिया गया। बैठक स्थगित होने के कारण विभिन्न विभागों से पहुंचे अधिकारी भी चले गए। बीडीओ शेखर जोशी ने बताया कि बैठक स्थगित होने की सूचना जिला मुख्यालय को भेज दी गई है। इधर काशीपुर में ग्राम प्रधान संघ अध्यक्ष चंद्रकांता चौधरी के नेतृत्व में ग्राम प्रधानों ने खंड विकास कार्यालय में नारेबाजी कर सीएम को संबोधित ज्ञापन बीडीओ चिंताराम आर्या को सौंपा।कहा अगर जल्द उनकी मांगों को नहीं माना गया तो उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। वहां राजेश यादव, गजेंद्र सिरोही, विजयपाल सिंह, सौरभ चौधरी, प्रदीप राजपूत, रोहित कुमार आदि रहे।
पर्वतीय क्षेत्रों में असफल में हो रहा मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम
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