अल्मोड़ा/बागेश्वर। कोरोना के नये वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण के साथ ही चौथी लहर की आहट तेज हो गई है। विशेषज्ञ भी इसे गंभीर बताते हुए सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। अस्पतालों में इससे निपटने के लिए मॉक ड्रिल हो रही है, बावजूद इसके अल्मोड़ा में दो साल बाद भी कोरोना टीकाकरण पूरा नहीं हो सका है। अब भी जिले में 1,75,000 से अधिक लोगों को बूस्टर डोज के रूप में सुरक्षा कवच नहीं मिल सका है। स्वास्थ्य विभाग वैक्सीन की कमी से भी जूझ रहा है। बागेश्वर में अब तक 65,453 लोगों ने ही बूस्टर डोज लगाई है। अल्मोड़ा में 6,22,000 लोगों को कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य तय था। 16 जनवरी 2021 से यहां टीकाकरण की शुरूआत हुई। पहली और दूसरी डोज का शत प्रतिशत लक्ष्य तो हासिल कर लिया गया लेकिन कोरोना का खतरा कम होते ही टीकाकरण में सुस्ती आ गई। स्वास्थ्य विभाग बूस्टर डोज लगाने का लक्ष्य हासिल करने में चूक गया। दो साल बाद भी 1,75,000 लोगों को बूस्टर डोज लगनी शेष है।
अल्मोड़ा में कोविशील्ड का स्टॉक खत्म
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा में कोविशील्ड वैक्सीन का पूरा स्टॉक खत्म हो गया है और टीकाकरण को केंद्र पहुंचे लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में कोविशिल्ड की एक भी डोज उपलब्ध नहीं है।
कोट – एक लाख से अधिक लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लगाई है, जिसके लिए उन्हें जागरूकता दिखानी होगी। 7000 बच्चों को भी बूस्टर डोज लगनी है। जिले में कोविशील्ड वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है। कोवैक्सीन की 1400 डोज मिलने की उम्मीद है। – इंद्र सिंह अल्मिया, कोल्ड चेन प्रबंधक, अल्मोड़ा।
कोट- कोरोना के नए खतरे से निपटने के लिए हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। लोग मास्क का प्रयोग जरूर करें और बूस्टर डोज जरूर लगवाएं। स्वास्थ्य विभाग हर खतरे से निपटने के लिए तैयार है। – डॉ. आरसी पंत, सीएमओ, अल्मोड़ा।
अल्मोड़ा से 200 डोज कोवैक्सीन मंगाकर चार केद्रों में लगाई जा रही है बूस्टर डोज
बागेश्वर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और शासन से जारी दिशानिर्देशों गाइडलाइन के बाद जिला अस्पताल में कोविड जांच शुरू कर दी गई है। बूस्टर डोज लगाने के लिए टीकाकरण अभियान भी चल रहा है, लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण लोगों को टीकाकरण का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है। जिले में अधिकांश लोगों को कोविशील्ड की बूस्टर डोज लगनी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास एक भी डोज बाकी नहीं है। कोवैक्सीन की 200 डोज अल्मोड़ा जिले से मंगाकर बूस्टर डोज टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में शुरुआत 16 जनवरी 2021 से कोविड टीकाकारण की शुरुआत हुई थी। विभाग की ओर से 2,16,007 लोगों को पहली डोज और 2,00915 लोगों को दूसरी डोज लगाई गई, लेकिन बूस्टर डोज लगाने के लिए लोगों में अधिक रुचि नहीं दिखी। निशुल्क टीकाकरण के बावजूद अब तक केवल 65,453 लोगों ने ही बूस्टर डोज लगाई है।
एक मोबाइल, तीन केंद्रों में चल रहा टीकाकरण
बागेश्वर। कोविड टीकाकरण के नोडल अधिकारी डॉ. प्रमोद जंगपांगी ने बताया कि वैक्सीन की एक्सपायरी डेट केवल चार माह ही होती है। बूस्टर डोज लगाने के लिए व्यापक जागरूकता भी की गई लेकिन लोगों ने उत्साह नहीं दिखाया। जिले में करीब 8000 लोगों को कोवैक्सीन और 90,000 से अधिक लोगों को कोविशील्ड की बूस्टर डोज लगनी है। कोवैक्सीन की 400 डोज अल्मोड़ा से मंगाई गई है, जो शुक्रवार को पहुंचेगी। कोविशील्ड की 10,000 डोज की मांग राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी से की गई है। फिलहाल उपलब्ध वैक्सीन की मदद से बागेश्वर, कांडा, कपकोट में बने तीन केंद्रों और एक मोबाइल केंद्र की मदद से टीकाकरण किया जा रहा है।
रैपिड एंटीजन और ट्रूनेट से हो रही कोरोना जांच
बागेश्वर। सीएमएस डॉ. वीके टम्टा ने बताया कि शासन से गाइडलाइन आने के बाद जिला अस्पताल में रैपिड एंटीजन और ट्रूनेट माध्यम से कोविड जांच शुरू हो गई है। हालांकि अब तक एक भी पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है। रोजाना 15 से 20 लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। हालांकि जिले में आरटीपीसीआर जांच नहीं की जा रही है। जब वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में थी, लोगों ने बूस्टर डोज लगाने में रुचि नहीं दिखाई। अब पूरे राज्य में कोविशील्ड की कमी है और नई वैक्सीन आने में एक महीने या अधिक का समय भी लग सकता है। जिले में अधिकतर लोगों को कोविशील्ड की बूस्टर डोज ही लगाई जानी है। जिले में रैपिड एंटीजन और ट्रूनेट जांच की जा रही है। लैब तक सैंपल ले जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की जा रही है, वाहन उपलब्ध होने के बाद आरटीपीसीआर जांच भी की जाएगी। – डॉ. हरीश पोखरिया, सीएमओ बागेश्वर।
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