धौलछीना (अल्मोड़ा)। अल्मोड़ा के साथ पिथौरागढ़ और बागेश्वर की सीमा से लगे सेराघाट अस्पताल में एक माह से डॉक्टर नहीं है और 108 एंबुलेंस के पहिये दो सप्ताह से थमे हुए हैं। ऐसे में तीनों जिलों की 12 हजार से अधिक की आबादी इलाज के लिए परेशान है। यहां के मरीजों को 70 किमी दूर अल्मोड़ा की दौड़ लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। सेरघाट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर की सीमा पर स्थित है। यहां हर रोज तीनों जिले के 150 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। हैरानी की बात है कि यहां बीते एक माह से डॉक्टर नहीं है। विभाग ने यहां तैनात डॉक्टर के तबादले के बाद अन्य चिकित्सक की तैनाती नहीं की जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी हो रही हे। ऐसे में क्षेत्र के मरीजों को मामूली इलाज के लिए भी 70 किमी दूर अल्मोड़ा या 12 किमी दूर पिथौरागढ़ के गणाई गंगोली की दौड़ लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है या उन्हें जेब ढीली कर निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा है। वहीं कोरोना के केस एक बार फिर बढ़ने से लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं।
एक हफ्ते से थमे हैं 108 एंबुलेंस के पहिये
धौलछीना। सेराघाट क्षेत्र के मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस का संचालन होता है लेकिन यहां दो सप्ताह से इसका संचालन ठप है। तकनीकी खराबी के चलते एंबुलेंस को देहरादून भेजा गया है। इन हालातों में मरीज वाहन बुक कर अस्पताल पहुंचने को मजबूर हैं। सबसे अधिक दिक्कत गर्भवती महिलाओं को हो रही है और वे टैक्सियों में धक्के खाकर जांच और प्रसव के लिए अस्पताल पहुंच रही हैं।
विवाद के चलते डॉक्टर का किया स्थानांतरण
धौलछीना। जानकारी के अनुसार कुछ समय पूर्व सेराघाट पीएचसी में तैनात डॉक्टर का किसी तीमारदार से विवाद हो गया था। तब डॉक्टर अस्पताल छोड़कर चले गए थे। विभाग ने उनकी परेशानी को देखते उनका स्थानांतरण रानीखेत अस्पताल में कर दिया था लेकिन दूसरे डॉक्टर की तैनाती न कर मरीजों की परेशानी से पूरी तरह किनारा कर लिया है। सेराघाट पीएचसी में तैनात डॉक्टर का स्थानांतरण हुआ है। नए डॉक्टर की नियुक्ति हुई है। वह तैनाती के बाद अवकाश पर हैं। वह जल्द यहां पहुंचेंगे। – डॉ. बीबी जोशी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सीएचसी, भैंसियाछाना।
सेराघाट अस्पताल में एक माह से डॉक्टर नहीं, दो हफ्ते से 108 एंबुलेंस ठप
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