राज्य की पांचवीं विधानसभा का स्वरूप क्या होगा, अब बस एक सप्ताह बाद 10 मार्च को सामने आ जाएगा। सत्ता में वापसी की कोशिश में जुटी भाजपा चुनाव परिणाम को लेकर गहन मंथन की मुद्रा में है। सूत्रों के अनुसार पार्टी तीन संभावित स्थिति के अनुसार रणनीति तैयार कर रही है। चुनाव परिणाम काफी कुछ भाजपा में बदलाव की दिशा भी तय करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री डा रमेश पोखरियाल निशंक की पिछले दिनों दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से लंबी मुलाकात और अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली प्रवास को भी पार्टी के रणनीतिक मंथन से जोड़कर देखा जा रहा है।
वर्ष 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 57 सीटों पर जीत दर्ज कर ऐतिहासिक बहुमत हासिल किया था। भाजपा इस बार भी आश्वस्त है कि वह सुविधाजनक बहुमत पा लेगी। यद्यपि पार्टी अब चुनाव परिणाम के बाद की संभावित स्थिति को लेकर मंथन में भी जुट गई है। सूत्रों के अनुसार तीन संभावित स्थिति को लेकर पार्टी अपनी रणनीति बना रही है। पहली स्थिति यह कि आसानी से पार्टी सुविधाजनक बहुमत, यानी 40 से अधिक सीटें जीत ले। दूसरी यह कि बहुमत का 36 का आंकड़ा पार्टी छू ले या फिर इसके आसपास पहुंच जाए। तीसरी संभावित स्थिति यह कि किसी भी पार्टी को बहुमत न मिले और त्रिशंकु विधानसभा की नौबत आने पर बाहरी समर्थन से सरकार बनानी पड़े।सूत्रों का कहना है मतदान के बाद जिस तरह पार्टी के कई प्रत्याशियों ने भितरघात की आशंका जताई, उसने भी नेतृत्व को सभी संभावनाओं पर विचार करने के लिए बाध्य किया है। इस कड़ी में पार्टी ने बागियों के लिए मन में कहीं न कहीं कुछ जगह छोड़ी हुई है। यदि समर्थन जुटाने की नौबत आती है तो पार्टी सबसे पहले चुनाव जीते अपने बागियों के लिए रेड कार्पेट बिछा सकती है। इसके साथ ही अन्य दलों के चुनाव जीते बागियों के अलावा निर्दलीयों पर भाजपा की नजर रहेगी। इस विषय पर भी पार्टी के भीतर गंभीरता से मंथन चल रहा है।
दस मार्च को होगी मतगणना, चुनाव परिणाम को लेकर मंथन में जुटी भाजपा
RELATED ARTICLES