Sunday, December 14, 2025
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आर. श्रीलेखा का राजनीतिक उदय: तिरुवनंतपुरम में 45 साल का लेफ्ट शासन खत्म, पहली महिला IPS बन सकती हैं मेयर

तिरुवनंतपुरम।
केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में नगर निगम चुनाव के नतीजों ने राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया है। दशकों से वामपंथ का मजबूत गढ़ माने जाने वाले इस नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) का किला ढहा दिया है। इस जीत के साथ ही स्थानीय निकाय स्तर पर 45 वर्षों से चला आ रहा वाम शासन समाप्त हो गया।

इस राजनीतिक उलटफेर के केंद्र में केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी आर. श्रीलेखा हैं, जिन्हें भाजपा ने मेयर पद के प्रमुख चेहरे के रूप में आगे किया है। उनकी जीत के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या वह तिरुवनंतपुरम की पहली भाजपा मेयर बनेंगी।

101 वार्डों में भाजपा का दबदबा
हाल ही में दो चरणों में हुए स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजे शनिवार को घोषित किए गए। तिरुवनंतपुरम नगर निगम के कुल 101 वार्डों में से भाजपा ने अकेले 50 वार्डों में जीत दर्ज की। वहीं, माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ को 29 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को 19 वार्ड मिले। दो वार्ड निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गए। परिणामों ने साफ कर दिया कि राजधानी में मतदाताओं ने इस बार बदलाव के पक्ष में स्पष्ट जनादेश दिया है।

सास्थमंगलम वार्ड से ऐतिहासिक जीत
आर. श्रीलेखा ने सास्थमंगलम वार्ड से भारी अंतर से जीत हासिल की। जीत के बाद उन्होंने कहा, “यह जीत जनता के विश्वास का प्रतीक है। सास्थमंगलम वार्ड में अब तक इतनी बड़ी जीत किसी उम्मीदवार को नहीं मिली थी।” मेयर बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस संबंध में अंतिम निर्णय पार्टी नेतृत्व करेगा।

प्रशासनिक सेवा से राजनीति तक का सफर
तिरुवनंतपुरम में जन्मीं आर. श्रीलेखा जनवरी 1987 में केरल की पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनी थीं। तीन दशक से अधिक के अपने सेवाकाल में उन्होंने राज्य के कई जिलों में पुलिस प्रशासन का नेतृत्व किया। उन्होंने सीबीआई, केरल अपराध शाखा, सतर्कता विभाग, दमकल सेवा, मोटर वाहन विभाग और जेल प्रशासन जैसे अहम विभागों में भी काम किया।

वर्ष 2017 में उन्हें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर पदोन्नत किया गया और वह केरल की पहली महिला डीजीपी बनीं। दिसंबर 2020 में सेवानिवृत्ति के साथ ही उनका 33 वर्षों से अधिक का सार्वजनिक सेवा करियर पूरा हुआ।

बयानों के कारण भी रहीं सुर्खियों में
सेवानिवृत्ति के बाद भी आर. श्रीलेखा लगातार चर्चा में बनी रहीं। उन्होंने 2017 के अभिनेत्री यौन उत्पीड़न मामले में अभिनेता दिलीप को लेकर दिए गए अपने बयानों से राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी थी। इसके अलावा, हाल ही में उन्होंने निलंबित कांग्रेस नेता राहुल ममकूटाथिल के खिलाफ यौन उत्पीड़न शिकायत दर्ज कराने में हुई देरी पर भी सवाल उठाए।

भाजपा में शामिल होने के बाद बढ़ी राजनीतिक सक्रियता
अक्टूबर 2024 में आर. श्रीलेखा भाजपा में शामिल हुईं। उन्होंने उस समय कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनके कार्यों से प्रेरित होकर उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया। भाजपा में शामिल होने के बाद से ही उन्हें केरल में पार्टी के एक मजबूत चेहरे के रूप में देखा जा रहा है।

मेयर पद पर नजरें टिकीं
भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत के बाद अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि तिरुवनंतपुरम की कमान किसे सौंपी जाएगी। यदि आर. श्रीलेखा को मेयर बनाया जाता है, तो यह केरल की राजधानी की राजनीति में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।

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