Wednesday, November 27, 2024
Homeउत्तराखण्डपाटकोट, सल्ट के जलागमों को पुनर्जीवित करना जरूरी

पाटकोट, सल्ट के जलागमों को पुनर्जीवित करना जरूरी

रामनगर (नैनीताल)। राजकीय इंटर कॉलेज टोटाम में उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा और शोध केन्द्र देहरादून की ओर से आयोजित कार्यशाला में कोसी नदी को बचाने पर विशेषज्ञों ने मंथन किया। भू वैज्ञानिकों के अनुसार रामनगर में सूख रही कोसी नदी को बचाने के लिए इसके निकटवर्ती पर्वतीय रिचार्ज क्षेत्रों के जलागमों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। कार्यशाला संयोजक डॉ. प्रदीप रावत ने अपने शोध कार्यों को साझा करते हुए बताया कि सल्ट और पाटकोट पर्वतीय क्षेत्रों के जलागमों के अंतर्गत सभी बारहमासी नौले, गधेरे सूख चुके हैं।
इन क्षेत्रों के सूखते जलागमों जैसे बांगाजाला, टोटाम सौराल, तड़म एवं भकराकोट को बचाने की आवश्यकता है इससे न केवल इन पर्वतीय क्षेत्रों में सूख चुके नौलों, गाड़, गधेरों को पुनर्जीवन मिलेगा बल्कि कोसी नदी का जलस्तर भी बढ़ेगा। इससे रामनगर से लेकर तुमड़िया डैम और जसपुर जक विशाल मैदानी क्षेत्र लाभान्वित होगा। कार्यशाला के मुख्य अतिथि भू वैज्ञानिक प्रो. चारू पंत ने पर्वतीय क्षेत्रों में नौलों, गधेरों के सूखने के लिए जलवायु परिवर्तन, जंगलों की आग, वनों का विनाश एवं अवैज्ञानिक विकास कार्यों को जिम्मेदार माना। भूमिगत जल स्तर को उठाने के लिए पौधरोपण, घास रोपण, सोख्ता गर्त, जैविक टैंक, चैक डैम एवं चाल, खाल आदि विधियों से वर्षा जल को भूगर्भ में पहुंचाने का सुझाव दिया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments