मांडूवाला स्थित लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल में पाई जा रही अनियमितता पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई ने स्कूल की 12वीं की मान्यता खत्म कर दी है। अब स्कूल सिर्फ 10वीं तक बोर्ड से मान्य रहेगा। सीबीएसई ने स्कूल को आदेश दिए हैं कि वर्ष 2022-23 में कक्षा 11वीं में स्कूल द्वारा पंजीकृत 50 छात्रों को भी बोर्ड से संबंद्धता प्राप्त किसी अन्य स्कूल से बोर्ड परीक्षा 2024 में स्थानांतरित किया जाए।
स्कूल ने 86 छात्रों को 12वीं बोर्ड परीक्षा से वंचित कर दिया था
सीबीएसई से संबद्ध लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल अधिक चर्चाओं में तब आया जब स्कूल ने 86 छात्रों को 12वीं बोर्ड परीक्षा से वंचित कर दिया। स्कूल ने छात्रों से 54 हजार फीस ली लेकिन ना तो सीबीएसई में पंजीकरण शुल्क जमा किया और न ही उनके प्रवेश के लिए सीबीएसई से उचित अनुमति ली। मामले में सीबीएसई क्षेत्रीय रीजन ने आदेश के तहत बताया था कि स्कूल ने जिन 270 छात्रों को पंजीकृत दिखाया, उनमें से 86 छात्रों को डाटा बदल दिया गया। ये छात्र निजी कोचिंग संस्थानों से हैं जो ना तो स्कूल में कक्षा लेते हैं और ना ही यहां के बोनाइफाइड हैं। इन छात्रों का विवरण बदलने व बोर्ड परीक्षा की फीस जमा करने के संबंध में पूरी जानकारी नहीं देने पर बोर्ड ने स्कूल को नोटिस जारी किया।
लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इन छात्रों को बोर्ड ने परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी गई। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी इस मामले में जांच बिठाई, जिसमें पाया कि स्कूल ने सीबीएसई के नियमों का उल्लंघन कर प्रवेश दिया है। स्कूल के छात्रों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट के आदेश के क्रम में सीबीएसई ने छात्रों को प्रोविजनल तौर पर स्कूल द्वारा अंतिम सूची में शामिल 239 छात्रों को 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल कराया है। सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी डा रणबीर सिंह ने बताया कि लूसेंट इंटरनेशनल स्कूल की 12वीं की मान्यता समाप्त की गई है। बोर्ड की ओर से बीते छह महीने में यह दूसरा स्कूल है जिसकी मान्यता से 12वीं से 10वीं की है। इससे पहले बीडीएम स्कूल हर्बटपुर की मान्यता भी डाउनग्रेड की जा चुकी है। उन्होंने अन्य स्कूलों से बोर्ड के अनुपालन की अपील की है। साथ ही अभिभावकों को भी जागरूक रहने को कहा है।
स्कूल पर 11 लाख फीस लंबित
स्कूल पर सीबीएसई की 11 लाख रुपये फीस लंबित हे। बोर्ड द्वारा विभिन्न स्तर पर की गई जांच में पाया गया कि स्कूल के प्राचार्य व प्रबंधक के लंबे समय से नहीं हैं। शिक्षक व प्रयोगशाला, संसाधन भी उपलब्ध नहीं हैं। जांच में स्कूल पूरी तरह अनाधिकृत कार्य में लिप्त पाया गया। जिसमें दबाव व धमकी देना भी पाया। छात्रों की थ्योरी परीक्षा के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्र के केंद्र अधीक्षक व पर्यवेक्षक से पूछताछ के दौरान पता चला कि छात्रों ने बताया कि उन्होंने कभी स्कूल देखा ही नहीं और वह विभिन्न कोचिंग संस्थानों में कोचिंग लेते हैं। क्षेत्रीय कार्यालय ने मुख्यालय को भी उपलब्ध करा दिया है।
स्कूल ने 86 छात्रों को नहीं देने दी 12वीं बोर्ड परीक्षा, सीबीएसई ने लिया एक्शन; मान्यता खत्म
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