Sunday, November 3, 2024
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स्वच्छता रैंकिंग में हल्द्वानी का शर्मनाक प्रदर्शन

हल्द्वानी। स्वच्छता रैंकिंग में हल्द्वानी नगर निगम का प्रदर्शन शर्मनाक रहा है। नगर निगम के कई दावों के बावजूद निगम क्षेत्र की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हालिया जारी हुई स्वच्छता रैंकिंग में नगर निगम एक और पायदान नीचे पहुंच गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के नतीजे जारी हो गए हैं। नगर निगम हल्द्वानी ने देश में 282वां स्थान प्राप्त किया है। ये प्रदर्शन पिछले सालों से और भी ज्यादा बुरा है। साल 2021 में नगर निगम हल्द्वानी की पूरे देश में रैंकिंग 281 थी जबकि साल 2020 में 229 रैंक हासिल की थी। साल 2020 के बाद से हल्द्वानी नगर निगम का प्रदर्शन लगातार गिर रहा है। ग्रीन सिटी के नाम से पहचान रखने वाले हल्द्वानी के लिए ये स्थिति चिंताजनक है।
जल्दबाजी में शामिल किए गए नए वार्ड
हल्द्वानी। साल 2018 में नगर निगम का चुनाव नए वार्डों के साथ हुआ था। नगर निगम क्षेत्र में 35 नए वार्डों को शामिल किया गया था। तब सरकार की आलोचना की गई थी कि बिना सोचे समझे नए वार्डों को शामिल कर लिया गया है। हालांकि ये भी कहा जाता है कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने नए वार्डों को राजनीतिक कारणों से शामिल किया था जिससे नए परिसिमन से भाजपा की स्थिति मजबूत हो सके। हालांकि नए वार्डों में सीवर ट्रीटमेंट सिस्टम, स्ट्रीट लाइटें, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन, पक्की नालियां जैसी सुविधाएं अभी पूरी तक नहीं हुई हैं। इस वजह से नगर निगम हल्द्वानी का प्रदर्शन गिरता जा रहा है।
रुद्रपुर और रुड़की का प्रदर्शन हल्द्वानी से बेहतर
हल्द्वानी। देश ही नहीं, राज्य के नगर निगमों की रैंकिंग में भी हल्द्वानी नीचे फिसलता जा रहा है। साल 2019 में राज्य की रैंकिंग में हल्द्वानी नगर निगम का तीसरा स्थान था। साल 2021 में यह स्थान चौथे नंबर पर पहुंच गया था। इस बार छठे स्थान पर है। हल्द्वानी से नीचे के पायदान पर काशीपुर और हरिद्वार ही है। पूरे राज्य में पहले नंबर पर देहरादून, दूसरे पर रुड़की, तीसरे नंबर ऋषिकेश है, चौथे पर कोटद्वार और पांचवे पर रुद्रपुर है। छठे नंबर पर हल्द्वानी, सातवें पर काशीपुर और आठवें पर हरिद्वार नगर निगम है।
सीवर ट्रीटमेंट सिस्टम और कंपोस्ट प्लांट न होना बड़ा कारण
हल्द्वानी। शहर में अभी सीवर ट्रीटमेंट सिस्टम ऑपरेशनल स्थिति में नहीं आ पाया है। नए वार्डों में सीवर लाइन बिछायी जा रही है। इसके स्वच्छता सर्वेक्षण में 400 नंबर हैं। इसके साथ ही शहर में कंपोस्ट प्लांट भी अस्तित्व में नहीं आ पाया है। इसके भी 400 नंबर हैं। कंपोस्ट प्लांट के लिए रुपये मिलने की शर्त ये है कि पहले नगर निगम केे ट्रंचिंग ग्राउंड से कूड़ा हटाना होगा। इसके बाद ही इसके लिए धनराशि जारी हो पाएगी।
आमने-सामने
इस साल के अंत तक सीवर ट्रीटमेंट सिस्टम शुरू हो जाएगा। इसके बाद स्वच्छता सर्वेक्षण में हमें और नंबर मिलने लगेंगे। अन्य मामलों में सुधार किया गया है। फिर भी स्वच्छता सर्वेक्षण में नीचे रहना दुखद है। इसमें सुधार के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। – जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला, मेयर हल्द्वानी।
नगर निगम की कार्यप्रणाली ठेकेदारी को बढ़ावा देना बन गया है। सड़कों का फर्जी तरीके से शिलान्यास करके जेबें गर्म की जा रहीं हैं। डॉ. इंदिरा हृदयेश ने स्वच्छ और विकसित हल्द्वानी की जो आधारशिला रखी थी उसके विपरीत काम किया जा रहा है। नगर निगम में फर्जी तरीके से चुनाव से पहले हुईं नियुक्तियों की भी जांच की जानी चाहिए। – सुमित हृदयेश, विधायक, हल्द्वानी।

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