रुद्रपुर। गदरपुर में अधूरे बाईपास को विधायक अरविंद पांडेय की ओर से जबरन खुलवाने और हादसे में युवक की मौत की घटना बड़े सियासी चर्चा का केंद्र बन गई है। अपनी सरकार होने के बावजूद विधायक पांडेय ने सेफ्टी रिपोर्ट का इंतजार करना तक मुनासिब नहीं समझा। बताया जा रहा है कि भाजपा के बड़े ओहदेदार के हाथों बाईपास शुरू कराने की योजना बन रही थी लेकिन श्रेय की लालसा ऐसी हावी रही कि बिना सुरक्षा इंतजामों के जबरन खुलवाए गए बाईपास पर हुए हादसे ने एक परिवार ने अपना बेटा खो दिया। अब कांग्रेस इस घटना को लेकर विधायक पर हमलावर है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सत्ता की हनक करार दिया है। दरअसल आठ किलोमीटर लंबे बाईपास का निर्माण 2016 में पूरा हो जाना था लेकिन तमाम वजहों से बाईपास निर्माण लंबा खिंचता चला गया और वर्तमान में कार्य अंतिम चरण में है। स्थानीय लोगों के साथ ही गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय बाईपास जल्द शुरू कराने को लेकर कार्यदायी संस्था पर दबाव बनाते रहे हैं। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और डीएम भी लगातार निर्माणाधीन बाईपास का मुआयना कर जल्द पूरा करने के निर्देश दे चुके हैं।
इन सबके बीच निर्माण लंबा खिंचने पर विधायक अरविंद पांडेय ने इसे जबरन खुलवाने की घोषणा की और शनिवार की शाम को अचानक जब विधायक ने समर्थकों के साथ बाईपास जबरन खुलवाया तो कुछ ही देर बाद वहां हादसा हो गया। अब इस घटना को लेकर सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि बाईपास को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं में ही श्रेय लेने की होड़ है। बाईपास की सेफ्टी रिपोर्ट आने के बाद बड़ा कार्यक्रम कराकर केंद्रीय नेता के हाथों इसका शुभारंभ कराने की चर्चा थी। इसी चर्चा ने एक नेताजी को बेचैन कर दिया था। सवाल यही खड़ा हो रहा है कि अपनी सरकार में अधूरे बाईपास को खुलवाने की जल्दबाजी विधायक को क्यों हुई।
चुनाव में था बड़ा मुद्दा, सड़क से लेकर पहुंचा था कोर्ट
रुद्रपुर। गदरपुर बाईपास का मुद्दा पिछले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में भी गूंजा था। इसके निर्माण को लेकर कई बार जनता और विपक्षी कांग्रेस ने आवाज भी उठाई। गदरपुर के व्यापारी मनीष फुटेला इस मामले को लेकर हाईकोर्ट गए थे और तय समय में निर्माण पूरा नहीं करने पर अवमानना याचिका भी दाखिल की गई थी। मनीष बताते हैं कि हाईकोर्ट ने 28 सितंबर 2022 तक निर्माण पूरा करने के आदेश दिए थे लेकिन इसके बावजूद अब तक निर्माण अधूरा है।
गदरपुर का बाईपास निर्माणाधीन है और सुरक्षा मानकों को पूरा किए बिना इसे खोला नहीं जा सकता है लेकिन सत्ता से जुड़े लोग अधूरे बाईपास को खोलने की हिमाकत करते हैं और इससे दुष्परिणाम स्वरूप हुए हादसे में हुई युवक की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सत्ता से जुड़े लोगों का सत्ता के नशे में चूर होकर नियमों को तोड़ना बेहद निंदनीय है। – यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष।
जबरन बाईपास खुलवाने की घटना को लेकर कार्यदायी संस्था गल्फार की ओर से कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी गई है। सेफ्टी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बाईपास यातायात के लिए खोला जाएगा। – योगेंद्र शर्मा, पीडी एनएचएआई।
भाजपा विधायक पर राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते श्रेय लेने का आरोप
गदरपुर। गदरपुर बाईपास को जबरन खुलवाने और हादसे में बाइक सवार युवक की हुई मौत के मामले में कांग्रेस नगर अध्यक्ष सिद्धार्थ भुसरी ने क्षेत्रीय विधायक अरविंद पांडेय को घेरा है। उन्होंने विधायक पर राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते श्रेय लेने का आरोप लगाया है। रविवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सिर्फ श्रेय लेने की राजनीति में क्षेत्र के एक युवा की मृत्यु हो जाती है। गदरपुर के लोगों ने 14 वर्ष से बाईपास के निर्माण और उसके खुलने का इंतजार किया और वह 14 दिन और भी इंतजार कर सकते थे लेकिन बाईपास को खोलने में सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि मैंने भी बाईपास को समय से खोलने के लिए तीन बार भूख हड़ताल की और एनएचएआई की रिपोर्ट का इंतजार किया लेकिन विधायक अरविंद पांडेय ने बाईपास पर खुद श्रेय लेने की राजनीति के चक्कर में बाईपास को जबरदस्ती खुलवा दिया। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में प्रदेश सरकार जिम्मेदारी तय करे कि किसकी जिम्मेदारी से यह घटना हुई है।
अगर एनएचएआई और गल्फार की लापरवाही है तो उस पर कार्रवाई हो अन्यथा उन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो जिन्होंने जबरन बाईपास को खुलवाया। उन्होंने मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने पुलिस को 48 घंटे का समय देते हुए सोमवार तक रिपोर्ट दर्ज न होने पर अपनी तरफ से तहरीर देने की चेतावनी दी। वहां पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन एवं अनिल सिंह भी मौजूद थे।
तो श्रेय लेने की लालसा में जबरन खुलवाया था अधूरा बाईपास
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