पेंशन पाने के लिए खुद के जीवित होने का प्रमाण देने में बुजुर्गों को भारी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। आलम यह है कि ट्रेजरी में बुजुर्गों की भीड़ संभालनी मुश्किल हो रही है।पेंशनरों को पेंशन पाने के लिए हर साल ट्रेजरी में जीवित प्रमाण पत्र जमा कराना होता है। जिस महीने वे रिटायर हुए, उसी माह जीवित प्रमाण पत्र का सत्यापन होता है। अगर कोई चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, चमोली या किसी भी जिले की ट्रेंजरी से पेंशन पाते हैं तो वे ऑनलाइन सत्यापन किसी भी ट्रेजरी में करा सकते हैं। देहरादून स्थित ट्रेजरी में पहले से ही पेंशनरों की संख्या अधिक है। ऊपर से पहाड़ी जिलों के सैकड़ों लोग भी पेंशन सत्यापन के लिए पहुंचते हैं। अब मार्च शुरू होते ही जिन लोगों का इन महीने सत्यापन लंबित हैं, बड़ी संख्या में वे आने लगे हैं। ट्रेजरी में सोमवार को भी 400 के करीब लोग पहुंचे। इस दौरान ट्रेजरी में तीनों काउंटरों पर लंबी लाइन लग गई। इसके बाद गेट पर चैनल लगाकर भीड़ को बाहर रोका गया। ट्रेजरी में अंदर जैसे-जैसे भीड़ कम होती तो बीच-बीच में प्रवेश गेट का चैनल खोलकर लोगों को अंदर भेजा जाता। इस दौरान कई बजुर्गों को ठीक से खड़ा होने में भी परेशानी होती है। ऐसे लोग अपने साथ किसी जवान व्यक्ति को लेकर जाते हैं, जो उनकी जगह लाइन में खड़े होते हैं। सहायक ट्रेजरी अधिकारी परमीत सिंह ने बताया कि भीड़ को जल्द कम करने के लिए फार्म भी सीधे ऑनलाइन अपडेट नहीं कर रहे हैं।
कोरोना संक्रमण का भी खतरा
सरकार ने कोरोना रोकथाम के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर, ट्रेजरी में पेंशन सत्यापन के पहुंचने वाले लोग 60 से ज्यादा उम्र के होते हैं। ऐसे लोगों की इम्युनिटी भी कमजोर होने की आशंका रहती है। इसके बावजूद यहां सोशल डिस्टेंस का पालन न होने से संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका है। एक भी संक्रमित पहुंचा तो वह कई लोगों को संक्रमित कर सकता है।
रात को ऑनलाइन कर रहे अपडेट
ट्रेजरी में भीड़ ज्यादा हुई तो सीटीओ रोमिल चौधरी के निर्देश पर नई व्यवस्था बनाई गई। पहले एक-एक पेंशनर का उनके सामने ही सत्यापन फार्म में ऑनलाइन अपलोड कर दिया जाता था। इस तरह एक पेंशनर पर ही दस मिनट लग जाते थे। इसलिए, अब यह व्यवस्था बनाई गई कि पेंशनरों का सत्यापन फार्म भराकर उसे जमा कर लिया जाएगा। सहायक ट्रेजरी अधिकारी परमीत सिंह ने बताया कि यह फार्म ट्रेजरी में बैठकर कर्मचारी अपडेट कर रहे हैं।
खुद को जिंदा साबित करने के लिए जद्दोजहद, ट्रेजरी में लंबी लाइन
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