रुद्रपुर। राज्य कर विभाग की ओर से निल रिटर्न भरने व आईटीसी से काम चला रहे प्रतिष्ठानों का सर्वे किया जा रहा था। व्यापारियों के विरोध के बाद विधायक के निर्देश पर यह सर्वे कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसी क्रम में जीएसटी कार्यालय में विभागीय अधिकारियों, व्यापारियों के साथ विधायक की बैठक हुई। हंगामेदार बैठक के बीच तय किया गया है कि व्यापार मंडल को विश्वास में लेकर ही अब दुकानों का सर्वे किया जाएगा।
बुधवार शाम करीब चार बजे से हुई बैठक के दौरान व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष संजय जुनेजा ने राज्य कर अधिकारियों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी दुकानों पर पहुंचकर कई कागजात मांग रहे हैं जिससे व्यापारियों में दहशत का माहौल है। विधायक शिव अरोरा ने कहा कि राज्य कर विभाग के अधिकारियों को काम करने के तरीके में सुधार लाने की आवश्यकता है। बिना पूर्व सूचना के व्यापार मंडल को विश्वास में लिए बगैर का व व्यापारी के प्रतिष्ठान की किसी भी प्रकार के स्टॉक की जानकारी नही मांगी जाए।
कहा कि यदि जीएसटी विभाग को किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए व्यापारी के पास जाना है तो इसके लिए सूची बनाकर व्यापार मंडल को सूचित करना होगा। राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त बीएस नागन्याल ने स्पष्ट किया कि विभाग की ओर से छापा नहीं बल्कि सर्वे का कार्य किया जा रहा है। अपर आयुक्त ने कहा कि निल फाइलर और आईटीसी वालों की पूरी सूची वह व्यापार मंडल को उपलब्ध कराएंगे। किसी भी व्यापारी का उत्पीड़न करना उनका मकसद नहीं है। इस दौरान देवभूमि व्यापार मंडल अध्यक्ष गुरमीत सिंह, पवन गाबा, कांग्रेस नेता सुशील गाबा, नितिन फुटेला, मयंक कक्कड़ आदि रहे।